संजय गुप्ता, INDORE. सिंधी समाज के दरबार, मंदिरों से वापस लौटाए गए गुरू ग्रंथ साहिब के विवाद का निपटारा करने के लिए अब इंदौर की गुरू सिंघ सभा के अध्यक्ष रिंकू भाटिया ने नया पत्र जारी किया जो खुद विवादों में घिर गया। भाटिया ने पत्र लिखकर एक 13 सदस्यीय कमेटी के गठन की बात कही और कहा कि- देखने में आया कि सिंघी संगतों के घर और सिंधी संतों के चलाए जा रहे डेरा साहिब मे कहीं देखने में आया कि गुरू ग्रंथ साहिब विरद अवस्था में थे। जो भी गुरु ग्रंथ साहब महाराज का प्रकाश मर्यादा के साथ करना चाहते हैं, उन्हें नए पावन स्वरूप दिए जाएंगे। इसी के लिए ये कमेटी बनाई गई है।
कमेटी के सदस्य बोले हमें तो बताया ही नहीं गया
भाटिया ने ये पत्र 17 जनवरी को जारी किया है, लेकिन इस पत्र की खबर कई सदस्यों को है ही नहीं और ना उनकी इस तारीख के बाद कोई बैठक हुई है। वहीं कमेटी में बने सिंधी समाज के कई सदस्यों ने कहा कि हमसे तो इस बारे में पूछा ही नहीं गया है और ना ही जानकारी है कि इस तरह कि किसी कमेटी में हमें रखा गया है। सिंधी समाज के हितों के लिए हमेशा लड़ाई करने वाले सदस्य जिन्हें कमेटी में भी रखा गया है, प्रकाश राजदेव ने कहा मुझसे इस बारे में कोई चर्चा भाटिया ने नहीं की है, मुझे नहीं पता मैं कैसे कमेटी में आ गया। एक सदस्य गुरयाल कुकरेजा ने भी कहा कि मुझे इस तरह की कोई सूचना नहीं आई है। वहीं कमेटी सदस्य प्रीतमदास ने कहा कि कमेटी की अभी तो कोई बैठक नहीं हुई, हम तो बस यही चाहते हैं कि जल्द सद्भाव से मामला खत्म हो।
ये खबर भी पढ़िए...
कमेटी में यह सदस्य किए गए हैं शामिल
गुरु सिंघ सभा के पदाधिकारियों ने 13 सदस्यों की कमेटी का गठन किया। इसमें हरजीत सिंह, प्रकाश राजदेव, चरणजीत सिंह खनूजा, गुरप्रीत सिंह खुराना, हरजीत सिंह ठांडी, मनदीप सिंह खरबंदा, अनिल सिंग गेलरा, प्रेम सिंह, ईश्वर छाबड़ा, गुरयाल कुकरेजा, हरदीप सिंह सिद्धु, प्रीतमदास, जसपाल सिंह को रखा गया है।