संजय गुप्ता, INDORE. नगर निगमों की खस्ताहाल होती माली हालत को सुधारने के लिए अब केंद्र ने नगर निगमों को बाजार में बॉन्ड लाकर राशि की व्यवस्था करने की मंजूरी दे दी है। अभी तक नगर निगमों को बॉन्ड लाने से पहले स्पेशल मंजूरी लेनी होती थी और इसमें भी कई शर्तें रहती थीं। साल भर में चुनिंदा निगमों को ही इसकी मंजूरी मिलती थी और इसमें एक राशि भी तय होती थी कि इससे ज्यादा का बॉन्ड नहीं ला सकेंगे, लेकिन अब बजट में ही ये प्रस्ताव आने के बाद नगर निगमों के लिए अपनी स्थिति सुधारने और विकास योजनाओं के लिए राशि की व्यवस्था करने का रास्ता मिल गया है।
बॉन्ड लाने वाला इंदौर देश का पहला नगर निगम
इस मामले में इंदौर नगर निगम ही देश का सबसे पहला बॉन्ड ला रहा है, जो पब्लिक बॉन्ड है। ये 10 फरवरी को आ रहा है जिसमें आम व्यक्ति ये बॉन्ड ले सकेगा और बदले में नगर निगम उसे सवा 8 फीसदी सालाना की दर से ब्याज का भुगतान करेगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के आधार पर ही मध्यप्रदेश और इंदौर नगर निगम काम कर रहा है और बॉन्ड योजना से आगे भी इंदौर का विकास होगा।
ये ग्रीन बॉन्ड रहेगा, निगम के लिए काफी अहम
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि ये पब्लिक बॉन्ड ग्रीन बॉन्ड भी है क्योंकि ये जलूद पंप पर सोलर पैनल लगाने के लिए लाया जा रहा है और ग्रीन उद्येश्य से ला रहे हैं। आगे भी इंदौर निगम इस तरह के कामों में नवाचार करेगा। इस योजना से नगर निगमों को शहर हित में काम करने में काफी मदद मिलेगी।
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244 करोड़ का बॉन्ड
ये 244 करोड़ का बॉन्ड आ रहा है जिसमें कोई भी व्यक्ति 10 हजार से लेकर 2 लाख तक के बॉन्ड ले सकेगा। ये बॉन्ड 3, 5, 7 और 9 साल के लिए होंगे। इसमें सालाना सवा 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। इस पर केंद्र सरकार 16 करोड़ का इंटेसिल भी नगर निगम को दे रही है। इससे नगर निगम को प्रभावी ब्याज दर कम हो जाती है जिससे ब्याज भुगतान का बोझ कम होता है। ये ऑनलाइन रहेगा और इसे आम व्यक्ति ले सकता है।
नगर निगमों को और भी फायदा
जानकारों के अनुसार बॉन्ड से पहले कई आर्थिक पैमाने पार करने होते हैं। इंदौर नगर निगम के रेटिंग डबल-A है, ये रेटिंग मेंटेन करने के लिए ऑडिट से लेकर कई मानक पूरे करने होते हैं। ऐसे में आगे निगम को आर्थिक रूप से सबल होने में भी मदद मिलती है।