इंदौर के भूमाफिया क्या हाईकोर्ट में पेश होंगे? नीलेश नहीं आएगा, बाकी इंदौर में ही, कालिंदी गोल्ड और चंपू के बीच 4 करोड़ का लेन-देन

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Neha Thakur
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इंदौर के भूमाफिया क्या हाईकोर्ट में पेश होंगे? नीलेश नहीं आएगा, बाकी इंदौर में ही, कालिंदी गोल्ड और चंपू के बीच 4 करोड़ का लेन-देन

संजय गुप्ता, INDORE. कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स और सेटेलाइट तीन कॉलोनियों के 255 पीड़ितों के निराकरण के लिए सख्त हुए हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने एक मई को सभी भूमाफियाओं को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर इसमें चंपू उर्फ रितेश अजमेरा के साथ उसका भाई नीलेश अजमेरा, चिराग शाह, निकुल कपासी, महावीर जैन और हैप्पी धवन को पेश होना है। इन सभी की जमानत जारी रहेगी या नहीं यह हाईकोर्ट तय करेगी, जिला प्रशासन पहले ही इन सभी की जमानत रद्द करने का आवेदन लगा चुकी है। द सूत्र की जानकारी के अनुसार कभी भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया नीलेश अजमेरा फिर सामने नहीं आएगा, हालांकि चंपू, कपासी, जैन और हैप्पी सभी शहर में हैं, यह उपस्थित होंगे हालांकि चिराग को लेकर अभी स्थिति क्लीयर नहीं है।  मुख्य तौर पर इन सभी को कालिंदी गोल्ड कॉलोनी में निराकरण नहीं होने और इस मामले में थाने में दर्ज दस एफआईआर के बाद भी निराकरण नहीं होने का मुद्दा सुना जाएगा।





मुंबई में है नीलेश, विदेश गया नहीं क्योंकि पासपोर्ट जब्त है





द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार नीलेश अजमेरा भले ही ब्रिटिश नागरिकता वाला है, लेकिन वह सालों से मुंबई में ही है। क्योंकि एक अन्य केस के चलते दिल्ली की एक कोर्ट में उसका पासपोर्ट जब्त है। वहीं उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है। मुंबई में वह मल्टी बनाने का काम कर रहा है और इंदौर के एक बड़े बिल्डर के साथ उसकी पार्टनरशिप में यह काम हो रहा है। उससे मिलने के लिए इंदौर से लोग मुंबई ही जाते हैं और एप्पल के फेसटाइम के जरिए वह सभी से जुड़ा हुआ है।





कालिंदी गोल्ड में भी चंपू का लेन-देन, द सूत्र के पास लेन-देन के रिकार्ड





कालिंदी गोल्ड के लिए जो फर्म बनी इसमें कागज पर निकुल कपासी, महावीर जैन, प्रवीण चौहान आदि रहे हैं। यह कॉलोनी नीलेश अजमेरा द्वारा काटी गई थी। चंपू की ओर से लगातार हाईकोर्ट में तर्क दिया जा रहा है कि चंपू का इस कॉलोनी से कोई वास्ता नहीं है वह कभी डायरेक्टर भी नहीं रहा और ना ही किसी की उसके द्वारा रजिस्ट्री की गई। लेकिन द सूत्र के पास मिले पुराने फायनेंस रिकार्ड सारी पोल खोल रहे हैं। चंपू और कालिंदी गोल्ड के बीच खातों में जमकर लेन-देन हुआ है। चंपू के पास गोल्ड सिटी के खाते से दो करोड़ 39 लाख रुपए आए और चंपू के खाते से गोल्ड सिटी के खाते में 1.70 करोड़ रुपए गए। इस तरह कुल चार करोड़ 9 लाख का लेन-देन दोनों के बीच हुआ।





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यह रहा गोल्ड सिटी और चंपू के बीच 4.09 करोड़ का लेन-देन- 







  • आईडीबीआई बैंक साउथ तुकोगंज इंदौर से गोल्ड सिटी डेवलपर्स में खाता नंबर 0011020000043652 था, इस खाते से चंपू अजमेरा के खाते में 1 करोड़ 54 लाख रुपए ट्रासंफर हुए है 



  • खाते से एक सितंबर 2011 को 3 लाख रुपए, सात सितंबर को 3 लाख 30 हजार, 10 सितंबर को फिर 6.60 लाख रुपए, 14 सितंबर को 5.30 लाख, 21 सितंबर को 4.20 लाख, 31 जनवरी 2012 को 80 लाख रुपए, 10 जनवरी 2014 को 15 लाख रुपए शिफ्ट हुए।


  •  इसी तरह बैंक ऑफ बडौदा शाखा आरएसएस नगर इंदौर में चंपू का खाता नंबर 24550100010585 पाया गया। इस खाते में गोल्ड सिटी डेवलपर्स के खाते में 1.70 करोड़ रुपए शिफ्ट हुए। 


  • इसी तरह गोल्ड सिटी डेवलपर्स के खाते से चंपू के खाते में 85 लाख 40 हजार रुपए जमा किए गए हैं। 


  •  इसमें तीन मई 2010 को 50 लाख रुपए चंपू के खाते से गोल्ड सिटी के पास गए, 13 मई को 20 लाख गए। वहीं, 16 जून 2010 को गोल्ड सिटी के खाते से चंपू के पास 5.40 लाख गए, 31 जनवरी 2012 को चंपू के पास 80 लाख रुपए आए।






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    फरियादी ने सीधे लिया है चंपू का नाम





    फरियादी कमलकांत मिश्रा द्वारा बाणगंगा थाने में कराई गई शिकायत में साफ कहा गया है कि कालिंदी गोल्ड के कॉलोनाइजर चंपू उर्फ रितेश अजमेरा पिता पवन अजमेर, चिराग और जितेंद्र उर्फ हैप्पी धवन से प्लाट लिया और राशि चुकाई। तीन प्लाट के लिए कुल 24.37 लाख रुपए चुकाए गए। इन तीनों के द्वारा धोखाधड़ी दी गई।





    नौकर थे कपापी, जैन के भी मिले दस्तावेज





    पुलिस द्वारा इस मामले में जब जांच की गई तो कई तरह के दस्तावेज इनके दफ्तरों से मिले थे। इसमें था कि निकुल कपासी उनके यहां नौकर है। इसी तरह महावीर जैन भी डमी व्यक्ति है, जिसे कंपनी में डायरेक्टर बनाकर रखा हुआ था। इसी तरह अन्य कई लोगों को डमी डायरेक्टर के रूप में सामने किया हुआ था। इन्हीं के नाम पर रजिस्ट्री कराई जाती थी और विकास मंजूरी आदि में भी इन्हीं के हस्ताक्षर कराए गए थे। कपासी चंपू के यहां मयूरी हिना कंपनी का काम देखने के लिए रखा गया था। इसी तरह महावीर जैन चंपू का रिश्तेदार है जिसे वह धार के एक गांव से अपने यहां कामकाज देखने के लिए इंदौर ले आए थे। इन सभी के दस्तावेज द सूत्र के पास मौजूद है।



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