इंदौर का भूमाफिया दीपक मद्दा 24 महीने बाद मथुरा में गिरफ्तार, द सूत्र ने लगातार उठाया था धोखाधड़ी का मुद्दा

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Rahul Garhwal
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इंदौर का भूमाफिया दीपक मद्दा 24 महीने बाद मथुरा में गिरफ्तार, द सूत्र ने लगातार उठाया था धोखाधड़ी का मुद्दा

संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसोदिया भूमाफिया अभियान के 24 महीने बाद आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आया है। सूत्रों के अनुसार मथुरा (यूपी) में उसे एक होटल से पकड़ा गया है। उसके मथुरा में होने की सूचना क्राइम ब्रांच को मिली थी, जिसके बाद गोपनीय टीम बनाकर अधिकारी मथुरा पहुंचे थे और वहां एक होटल से उसे पकड़ा गया है।



दीपक मद्दा को लेकर गुरुवार को पहुंचेगी टीम



जानकारी के अनुसार टीम उसे लेकर इंदौर के लिए निकल चुकी है और गुरुवार को इंदौर पहुंचेगी। उस पर कुल 7 एफआईआर दर्ज हैं, जिसमें 9 धाराएं लगी हुई हैं। हालांकि 6 केस जमीन धोखाधड़ी को लेकर भूमाफिया अभियान के तहत फरवरी 2021 में जिला प्रशासन द्वारा करवाए गए थे, जिसमें उसने कोर्ट से जमानत और गिरफ्तारी पर स्टे लिया हुआ है, लेकिन रासुका की धारा भी तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा लगाई गई थी। बताया जा रहा है कि रासुका की इसी धारा के तहत उसे पकड़ा गया है।



रासुका को लेकर गृह सचिव का लगाया हुआ है फर्जी पत्र



मद्दा ने जमीन धोखाधड़ी केस में तो कोर्ट से जमानत ले ली, इसके बाद उसने खजराना थाने में गृह विभाग के एससीएस डॉ. राजेश राजौरा का एक पत्र दिया जिसमें लिखा था कि उस पर रासुका निरस्त कर दी जाती है। जब इस पत्र को लेकर थाना प्रभारी दिनेश वर्मा को संदेह हुआ तो उन्होंने गृह विभाग से जानकारी ली, तब पता चला कि ये फर्जी पत्र है। इसके बाद दिसंबर 2022 को उस पर फर्जी पत्र को लेकर भी 420 की धारा में धोखाधड़ी का केस गृह विभाग के आवेदन पर दर्ज किया गया। इसके बाद मद्दा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर अभी सुनवाई जारी है।



कौन है मद्दा



मद्दा हिना पैलेस, पुष्प विहार से लेकर अयोध्यापुरी इन सभी कॉलोनियों में जमीन की हेराफेरी करने वाला मुख्य किरदार है। मद्दा और अन्य भूमाफिया से ही जनवरी-फरवरी 2021 के दौरान चले भूमाफिया अभियान के दौरान जमीन को मुक्त कराया गया था। साथ ही खजराना, एमआईजी थाने में मद्दा सहित दर्जनभर लोगों पर एफआईआर हुई थीं, बाकी तो पकड़े गए लेकिन मद्दा फरार हो गया, इस पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया था लेकिन पकड़ में नहीं आया, फरार रहते हुए ही उसने कोर्ट में आवेदन लगाकर जमानत ले ली, लेकिन फिर रासुका से बचने के लिए फर्जी पत्र थाने में दे दिया, जिसमें उलझ गया।



मद्दा पर इतनी धाराओं में दर्ज हैं केस



जमीन धोखाधड़ी को लेकर




  • खजराना थाने में क्राइम नंबर 159, 160, 161 और 162 के तहत 4 केस दर्ज हैं, जो साल 17-18 फरवरी 2021 में हुए। ये केस पुष्पविहार कॉलोनी (मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था) की जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े हुए हैं।


  • एमआईजी थाने में क्राइम नंबर 131 और 132 के तहत 2 केस दर्ज हैं, जो फरवरी 2021 के दौरान हुए थे। ये केस अयोध्यापुरी कॉलोनी की जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े हुए हैं। इसमें धारा 406, 420, 467, 478, 471, 120-बी, 387, 388 और नगर निगम एक्ट की धारा 292-सी में केस हुए हैं।



  • गृह विभाग के माध्यम से दर्ज हुआ केस



    खजराना थाने में क्राइम नंबर 1214 दर्ज है, जो 8 दिसंबर 2022 को हुआ, जिसमें गृह विभाग के फर्जी पत्र और इसमें कूटरचित हस्ताक्षर कर रासुका से गिरफ्तारी से बचने का षड्यंत्र था। ये रासुका जमीन धोखाधड़ी को लेकर जिला प्रशासन ने फरवरी 2021 में लगाई थी। इसमें पुलिस ने उस पर 420, 467, 468 और 471 की धारा लगाई है।



    कोर्ट में अब तक ये हुआ



    सुप्रीम कोर्ट में कुछ क्राइम केस में 16 अप्रैल 2022 में एसएलपी मंजूर हुई और मद्दा को अग्रिम जमानत मिलते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगी। वहीं 11 मई 2022 को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में 1 लाख के बॉन्ड पर उसे गिरफ्तारी से छूट मिली, इस शर्त पर कि वे जांच में सहयोग करेगा और पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के बुलाने पर उपस्थित होगा, लेकिन इसके बाद मद्दा ने खजराना थाने में रासुका से बचने के लिए एसीएस का फर्जी पत्र थमा दिया जिसमें दिसंबर 2022 को नया केस दर्ज हो गया।



    10 हजार का इनाम घोषित कर बैठ गई थी पुलिस



    मद्दा पर भूमाफिया अभियान के तहत 6 एफआईआर तो फरवरी 2021 में हो गई, फिर कलेक्टर ने रासुका लगा दी, तभी से वो फरार हो गया। फरारी में ही वो कोर्ट में केस लगाता चला गया और अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगवाने के साथ ही जमानत भी लेता चला गया। वहीं एफआईआर कराने वाले प्रशासनिक अधिकारी और केस करने वाले थाना प्रभारी मुंह ताकते रह गए। गिरफ्तारी के लिए इनाम तक घोषित कर दिया और पुलिस इसी के भरोसे बैठ गई कि कोई व्यक्ति 10 हजार के इनाम के लालच में उसका ठिकाना बता देगा। उधर मद्दा को जमीन धोखाधड़ी के केस में राहत मिलने के बाद केवल रासुका की धारा बची जिसमें गृह विभाग के एसीएस डॉ. राजेश राजौरा के नाम का ही फर्जी पत्र बनवा लिया।



    आइए हम बताते हैं कौन है करोड़ों की जमीन कौड़ियों में लेने वाला मद्दा



    भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसोदिया, ये तीनों एक ही व्यक्ति के नाम हैं, लेकिन काम एक ही है जमीनों का खेल करना। 18 फरवरी 2021 में जिला प्रशासन और पुलिस ने भूमाफिया पर सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 गृह निर्माण संस्थाओं मजदूर पंचायत की पुष्प विहार कॉलोनी, देवी अहिल्या की अयोध्यापुरी और खजराना की हिना पैलेस को दीपक मद्दा, सुरेंद्र संघवी सहित 17 भूमाफिया से मुक्त कराते हुए प्रकरण दर्ज कराए थे। इसमें 3 हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत मुक्त हुई थी। कुछ 6 एफआईआर में सभी में दीपक मद्दा आरोपियों में शामिल था।



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    मद्दा के साथ ये भूमाफिया बने थे आरोपी



    खजराना और एमआईजी थाने में मजदूर पंचायत गृह निर्माण, देवी अहिल्या गृह निर्माण और हिना पैलेस खजराना के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक मद्दा के खिलाफ आधा दर्जन एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। मजदूर पंचायत गृह निर्माण की पुष्प विहार कॉलोनी में दीपक जैन, नसीम हैदर के अलावा जमीनें खरीदने वाले केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी के खिलाफ केस हुआ। इसी तरह देवी अहिल्या गृह निर्माण (अयोध्यापुरी कॉलोनी) के विमल लुहाड़िया, पुष्पेंद्र नीमा, दीपक मद्दा जैन, रणवीर सिंह सूदन, दिलीप जैन, प्रतीक संघवी, मुकेश खत्री पर और हिना पैलेस में भी दीपक जैन पर एफआईआर हुई।



    न्याय नगर मामले में भी मद्दा पर हुई एफआईआर



    इसके बाद खजराना पुलिस ने भूमाफिया दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा के साथ ही दिलावर पटेल, सोहराब पटेल, इस्लाम पटेल एवं जाकिर के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में केस किया। इन पर आरोप है कि एमआर-10 क्षेत्र स्थित न्याय नगर गृह नर्माण संस्था की करीब 29 एकड़ जमीन पर कब्जा किया, इसमें कोर्ट द्वारा इस जमीन सरकारी घोषित किया गया।



    मद्दा ने इस तरह किया खेल



    भूमाफिया अभियान में हुई सभी 6 FIR में मद्दा का नाम है। इस पर आरोप है कि मजदूर पंचायत संस्था का नंदानगर सहकारी संस्था में अनाधिकृत खाता खुलवाया। अपने भाई कमलेश जैन और संस्था के अध्यक्ष दीपेश वोरा के साथ मिलकर संस्था की 2 हेक्टेयर जमीन केशव नाचानी और ओमप्रकाश धनवानी को साल 2006 में बेचा। इसमें 2 करोड़ का सौदा था, लेकिन 50 लाख के चेक ही संस्था के खाते में आए, डेढ़ करोड़ मद्दा को नकद मिले। सिटी बैंक के अपने खाते में मद्दा ने 54 लाख रुपए मजदूर पंचायत से लिए। मद्दा ने हिना पैलेस से जुडी श्रीराम संस्था की 5 हेक्टेयर जमीन इसी सौदे से मिली 1.60 करोड़ की राशि से उसी साल 2006 में खरीद ली। मद्दा ने हिना पैलेस जो केवल वैध रूप से 2 हेक्टेयर में था, इसमें श्रीराम के साथ ही सारथी, हरियाणा और शताब्दी संस्था की जमीन भी शामिल कर 10 हेक्टेयर की अवैध बनाकर नगर निगम से वैध कराने का आवेदन कर साल 2013 में फर्जी दस्तावेज से वैध कराई। मद्दा ने इसी तरह देवी अहिल्या संस्था की काटी आयोध्यापुरी कॉलोनी में सिम्पलेक्स मेगा इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर 4 एकड़ जमीन साल 2007 में खरीद ली, इस कंपनी में मद्दा डायरेक्टर था।


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