संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन को गृह विभाग के फर्जी पत्र के आधार रासुका कटाने की कोशिश में हुई एफआईआर मामले में अभी गिरफ्तारी से और कुछ दिन की राहत मिल गई है। हाईकोर्ट में इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान पुलिस ने मौखिक तौर पर तर्क रखा कि आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रासुका कटवा कर गिरफ्तारी से बचने की धोखाधड़ी की है। इसी आधार पर केस दर्ज हुआ है, इस मामले में लिखित में विस्तृत जवाब देने के लिए कुछ दिन का समय चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए समय दे दिया है। अगली सुनवाई नौ फरवरी को संभावित है। वहीं ये बात भी सामने आई है कि गृह विभाग का यह फर्जी पत्र दीपक मद्दा ने हाईकोर्ट की इंदौर बैंच में भी जमा कराया है, वहीं मद्दा की ओर से यह तर्क दिए जा रहे हैं कि यह पत्र फर्जी है इसकी उन्हें जानकारी ही नहीं थी। सामान्य प्रक्रिया में यह पत्र हाईकोर्ट और पुलिस के पास दिया गया, क्योंकि यही पता था कि रासुका निरस्त हो गई है।
मद्दा पर जमीन धोखाधड़ी में 6 केस पहले से ही
खजराना थाने में- क्राइम नंबर 159, 160, 161 और 162 के तहत 4 केस दर्ज हैं, जो साल 17-18 फरवरी 2021 में हुए। ये केस पुष्पविहार कॉलोनी (मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था) की जमीन की धोखाधड़ी से जुडे हुए हैं। एमआईजी थाने में- क्राइम नंबर 131 और 132 के तहत दो केस दर्ज हैं, जो फरवरी 2021 के दौरान हुए थे। ये केस अयोध्यापुरी कॉलोनी की जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े हुए हैं। इसमें धारा 406, 420, 467, 478, 471, 120बी, 387, 388 और नगर निगम एक्ट की धारा 292 सी में केस हुए हैं।
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गृहविभाग के माध्यम से दर्ज हुआ एक और केस
खजराना थाने में- क्राइम नंबर 1214 दर्ज है जो 8 दिसंबर 2022 को हुआ, जिसमें गृह विभाग के फर्जी पत्र और इसमें कूटरचित हस्ताक्षर कर रासुका से गिरफ्तारी से बचने का षडयंत्र था, यह रासुका जमीन धोखाधड़ी को लेकर जिला प्रशासन ने फरवरी 2021 में लगाई थी। इसमें पुलिस ने उस पर 420, 467, 468 और 471 की धारा लगाई है।
कोर्ट में अब तक यह हुआ
जमीन धोखाधड़ी में हुई एफआईआर का पर मद्दा की जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट में गई जहां 21 अक्टूबर 2021 को क्राइम नंबर 159 और 161 में खारिज कर दी गई। हाईकोर्ट ने इस तर्क को माना की इन भूमाफियाओं के कारण इंदौर में मशरूम की तरह अवैध कॉलोनियां कट रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में कुछ क्राइम केस में 16 अप्रैल 2022 में एसएलपी मंजूर हुई और मद्दा को अग्रिम जमानत मिलते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगी।
वहीं 11 मई 2022 को हाईकोर्ट की इंदौर बैंच में एक लाख के बांड पर उसे गिरफ्तारी से छूट मिली, इस शर्त पर कि वह जांच में सहयोग करेगा और पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के बुलाने पर उपस्थित होगा। लेकिन इसके बाद मद्दा ने खजराना थाने में रासुका से बचने के लिए एसीएस का फर्जी पत्र थमा दिया, जिसमें दिसंबर 2022 को नया केस दर्ज हो गया। इसमें पुलिस गिरफ्तार करती, इसके पहले वह फिर कोर्ट की शरण में पहुंच गया। फिलहाल उसकी गिरफ्तारी पर रोक है और अब पुलिस से जवाब मांगा गया है।