संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया चिराग शाह के सबसे खास साथी साजिद का निधन हो गया है। देर रात स्वास्थ खराब होने पर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। डॉक्टर ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताई है। वहीं, साजिद की मौत से चिराग से लेकर पीड़ितों और खुद जिला प्रशासन सभी को झटका लगा है। दरअसल, कालिंदी गोल्ड कॉलोनी का पूरा हिसाब साजिद के पास था। इसमें कितना हिस्सा भूमाफिया चंपू अजमेरा का रहा है, कितनी राशि किस तरह शिफ्ट हुई है, कौन वास्तविक डायरी वाला है, जैसी सभी जानकारी साजिद के पास ही थी।
17 व 19 अप्रैल को होना थी सुनवाई
कालिंदी गोल्ड कॉलोनी के संबंध में हाईकोर्ट इंदौर बेंच में 17 व 19 अप्रैल को अहम सुनवाई होने वाली थी। लेकिन अब साजिद की मौत के बाद ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है पीड़ितों को अभी न्याय मिलने में कुछ और समय लग सकता है।
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ये है कालिंदी गोल्ड का मामला
कालिंदी गोल्ड कालोनी में भूखंड खरीदारों से पैसा लेकर प्लाट न देने की धोखाधड़ी का मामला है। जिसमें हैप्पी धवन और चिराग शाह के खिलाफ जनवरी 2022 में थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। कोर्ट से धवन को इसी शर्त पर जमानत मिली थी कि वह पीड़ितों को उनका हक देगा। इस मामले में प्रशासन को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह पीड़ितों को उनका हक दिलवाए।
96 प्लाट बेचे सिर्फ 34 की हुई रजिस्ट्री
अधिकारियों के अनुसार, कालिंदी गोल्ड कालोनी में 96 शिकायतकर्ताओं में से 34 क्रेताओं की प्लाट की रजिस्ट्री हुई है, जबकि 62 शिकायतकर्ता ऐसे हैं जिनमें से किसी के पूरे तो किसी के आधे पैसे कालोनाइजर के पास जमा हैं। कई प्लाट दलालों के जरिए डायरी पर भी बिके हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अब तक 15 पीड़ितों को उनके प्लाट मिल गए हैं। कालोनी के कर्ताधर्ता ने करीब 21 लोगों को भी प्लाट देने का वादा किया है। इसके बाद कालोनी में प्लाट नहीं हैं, इसलिए बचे हुए 60 लोगों को उनका जमा पैसा लौटाया जाएगा।
पर्दे के पीछे चंपू को बचने का मिलेगा रास्ता-
कालिंदी गोल्ड के कई प्लाट के सौदे करने के पीछे मुख्य भूमिका चंपू अजमेरा की रही है। उसकी पत्नी योगिता अजमेरा की भी वहीं लगी हुई जमीन है। चंपू ने कई प्लॉट डायरियों पर बिकवा दिया और राशि अपने पास रख ली। इस बात को सरकारी अधिवक्ता भी हाईकोर्ट में कह चुके हैं कि चंपू को इस मामले से अलग नहीं कर सकते हैं, क्योंकि कई सौदों में उसकी भूमिका रही है और राशि उसके पास गई है।
गोल्ड सिटी फर्म के खाते से करोड़ों का लेन-देन
फोनिक्स कंपनी के खातों के लेन-देन संबंधी एक ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक भी चंपू व गोल्ड सिटी फर्म के खातों में एक करोड़ से ज्यादा राशि का लेन-देन हुआ है। लेकिन इस कॉलोनी में वह फ्रंट में कहीं पर नहीं आया है, इस पूरे लेन-देन का हिसाब-किताब साजिद के पास ही था, ऐसे में चंपू इसका लाभ उठाकर कालिंदी गोल्ड के लेन-देन से पिंड छुड़ाने की कोशिश करेगा। आखिर में नुकसान पीड़ितों का ही होगा और भूमाफिया आपस में फिर उन्हें उलझाकर रख देंगे।
चंपू के भाई ने शुरू की थी कालिंदी
कालिंदी गोल्ड कॉलोनी की शुरूआत चंपू के भाई नीलेश अजमेरा ने की थी, जिसके पास ब्रिटिश नागरिकता भी है। उसने महावीर जैन को डायरेक्टर बनाया, फिर संजय जैन डायरेक्टर बने, फिर निकुल कपासी भी जुड़ गए। इसी क़ॉलोनी से लगा हिस्सा चंपू की पत्नी योगिता के पास है। बाणगंगा थाने में हुए एक एफआईआर में इसमें चिराग के साथ ही नीलेश, चंपू, हैप्पी और महावीर सभी के नाम आरोपियों मे हैं।