संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया के साथ ही सुरेंद्र संघवी को एक और झटका जिला प्रशासन ने दे दिया है। नगर निगम द्वारा की जा रही अवैध से वैध कॉलोनी की प्रक्रिया को लेकर इनकी कंपनी सिम्पलैक्स (इसमें मद्दा के साथ संघवी का बेटा प्रतीक डायरेक्टर है) ने आपत्ति लगाई थी। इस आपत्ति पर निगम ने जिला प्रशासन से सर्वे नंबर की जानकारी मांगी थी। इस पर एसडीएम अंशुल खरे ने तहसीलदार से रिपोर्ट बनवाने के बाद निगम को जानकारी भेज दी है। साथ ही सिम्लेक्स द्वारा खरीदे गए सर्वे नंबरों की जानकारी के साथ लिख दिया है कि इस मामले में कंपनी के खिलाफ फरवरी 2021 में एफआईआर दर्ज हुई है। साथ ही अयोध्यापुरी रहवासियों के यहां मकान तक बने हुए हैं।
इन सर्वे नंबरों के लिए यह लिखा है
- सर्वे नंबर 386/1/1/1 और 386/1/2 जो कुल 1.619 हेक्टेयर है। इस पर वर्तमान खसरा नंबर के स्वामी सिम्पलेक्स इन्वेस्टमेंट एंड मेगा फाइनेंस प्रालि तर्फे मुकेश खत्री पिता सेवकराम खत्री है। इस भूमि के संबंध में एमआईजी थाना इंदौर में एफआईआर नंबर 132 साल 18 फरवरी 2021 को दर्ज है। उक्त भूमि पर अयोध्यापुरी रहवासी संघ के सदस्यों के मकान बने हुए हैं।
अयोध्यापुरी की जमीन सांठगांठ से खरीदी थी, मद्दा के साथ बॉबी भी
सिम्पलेक्स कंपनी ने भूमाफिया बॉबी छाबड़ा के ड्राइवर रणवीर सिंह सूदन के संस्था के अध्यक्ष बनने के दौरान यह जमीन 24 फरवरी 2007 में खरीद ली थी। वर्तमान में 150 करोड़ की इस जमीन को तब मात्र 1.80 करोड़ में मद्दा, संघवी ने खरीदा था। वैसे कंपनी ने सौदा दो करोड़ 20 लाख में किया था, लेकिन कभी पूरी राशि भी संस्था को नहीं दी। यह राशि भी बॉबी के हस्तक्षेप वाली ट्रांसपोर्ट बैंक की शाखा के खाते में ही जमा हुई थी।
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2002, 2008 में भी चली थी वैध करने की कोशिश
इस कॉलोनी को वैध करने के लिए लंबे समय से कवायद चल रही है। 2002 और 2008 में भी कोशिश हुई लेकिन भूमाफियाओं के तगड़े दखल के चलते निगम से पूरा मामला ठप करा दिया गया। 2021 में भूमाफिया अभियान के दौरान रहवासियों को कब्जे सौंपे गए और संस्था की जमीन खरीदी करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई गई। निगम अब कॉलोनी के नियमितीकरण की प्रक्रिया कर रही है तो फिर मद्दा, संघवी की कंपनी की ओर से आपत्ति लगा दी गई कि जमीन तो हमारी है। इसके बाद निगम ने प्रशासन को पत्र लिखकर जमीन की जानकारी चाही थी।