संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर लोकायुक्त ने बुधवार (19 अप्रैल) को सांवेर में एक पटवारी को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते होते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। यह रिश्वत एक किसान से जमीन के नामांतरण के एवज में मांगे जा रहे थे। किसान ने इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद टीम बनाकर लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया। भ्रष्टाचार एक्ट के तहत उस पर केस दर्ज कर लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
यह है मामला
लोकायुक्त इंदौर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दीपक पिता शंकर लाल पटेल उम्र 30 साल निवासी ग्राम कछालिया तहसील सांवेर द्वारा पटवारी विष्णु पटेल पिता राण चरण की शिकायत की गई थी। शिकायत में था कि उसके पिता शंकरलाल के साथ अंबाराम व लीलाधर भाई है। सभी की संयुक्त खाते की जमीन है, लीलाधर के निधन के बाद उसके फौती नामांतरण कराना था और पावती बनवाना था। इसके लिए पटवारी पटेल द्वारा 24 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। इसे किश्तों में देना था। पहली किश्त के रूप में दस हजार देना तय हुआ। जब पटवारी ने रिश्वत लेने के लिए बुलाया तब लोकायुक्त टीम ने पकड़ लिया।
राजस्व अभियान धरा रह गया
जिला प्रशासन द्वारा लगातार राजस्व के लिए अभियान चलाने की बात कही जा रही है। जिसमें किसानों को खसरे की नकल देना, नामातंरण आदेश देने के काम हो रहे हैं। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने दो दिन पहले ही आदेश दिए थे कि किसी भी राजस्व कामों में परेशानी नहीं हो और नामांतरण आदि आदेश का राजस्व रिकार्ड में अपडेट करने की जिम्मेदारी भी राजस्व अधिकारी निभाएं, किसी भी आवेदक को इसके लिए भटकना नहीं पड़े। लेकिन इसके बाद भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो रहा है।
नामांतरण और सीमांकन के लिए 25 हजार न्यूनतम राशि हो गई है
कलेक्टर के पास इसके पहले भी महू के एक तहसीलदार, हातोद के एक पटवारी की शिकायत पहुंची थी, जिसमें उनके भ्रष्टाचार की गाथाएं लिखी हुई थी। लगातार यह बात सामने आ रही है कि नामांतरण और सीमांकन जैसे रोजमर्रा के राजस्व कार्यक्रम के लिए न्यूनतम 20 से 25 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं। इसके बिना फाइल ही आगे नहीं बढती है और किसी ना किसी कारण से आवेदन खारिज कर दिए जाते हैं।