संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में एक दिन के लिए कांग्रेस के शहर अध्यक्ष पद पर रहे अरविंद बागडी का पुतला जलाना, नारेबाजी को लेकर कांग्रेस ने कार्रवाई की। विनय बाकलीवाल समेत 8 नेताओं को नोटिस जारी हुए हैं। लेकिन अब सामने आ रहा है कि इस नोटिस देने में भी खेल हो गया है, जिन नेताओं को नोटिस दिया गया हैं, इसमें 2 नेता संजय बाकलीवाल, इम्तियाज बेलिम तो मौके पर ही नहीं थे और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर बैठक ले रहे थे। वहीं मौके पर जो नेता थे, उन्हें नोटिस ही जारी नहीं हुए हैं। इस पूरे मामले में अब कुछ नेताओं ने कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल को लिखित शिकायत भेज दी है।
इन नेताओं के फोटो, वीडियों में चेहरे, जिन्हें नोटिस ही नहीं मिले
कांग्रेस नेताओं के अनुसार जब पुतला दहन और नारेबाजी हुई, तब उस दौरान फोटो, वीडियो में देवेंद्र यादव, वार्ड 46 के पार्षद जुगल सैफू कुशवाह, अनुसूचित प्रकोष्ठ अध्यक्ष फूलसिंह कुवाल के साथ शंकर दास, अशोक नालिया, कमलेश पटेरिया समेत कई कांग्रेस नेता नजर आ रहे हैं, लेकिन इसमें से किसी को नोटिस जारी नहीं हुए हैं। नोटिस पाए जाने पर संजय बाकलीवाल ने कहा कि मुझे क्यों नोटिस मिला है, पता ही नहीं है, क्योंकि मैं मौके पर था ही नहीं, किसी भी फोटो, वीडियों में मैं नहीं हूं, अनुशासन समिति को नोटिस का जवाब दे रहा हूं। वहीं नोटिस पाने वालों में विनय बाकलीवाल के साथ जिनेश झंझरी, नीलेश सैन शैलू, पुखराज राठौड, इम्तियाज बेलिम, संजय बाकलीवाल, तेज प्रकाश राणे, संतोष वर्मा और गणपत जारवाल शामिल है।
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पूर्व मंत्री के कारण विरोध होने की बात पहुंची भोपाल
बताया जा रहा है कि बागड़ी का समर्थन जीतू पटवारी, शोभा ओझा जैसे नेताओं ने किया, लेकिन कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के इशारे पर यह पुतला दहन की नीति बनाई गई। वो बागडी को बिल्कुल भी इस पद पर नहीं चाहते थे। उनके इशारे पर ही इंदौर के नेताओं के घर पर पुतला दहन की रणनीति बनाई गई और इसे अंजाम दिया गया। ये पूरा घटनाक्रम भोपाल भी पहुंच गया है, बताया जा रहा है कि जब पूर्व सीएम कमलनाथ से मिलने के लिए विनय बाकलीवाल और उनके समर्थक पहुंचे तब उन्होंने कहा भी था कि ये सब अनुशासनहीनता नहीं चलेगी, ये सब कहां से कैसे हुआ मुझे सब पता है। संगठन इस घटना को लेकर भारी नाराज है, किसी के उकसाने से ये सब हुआ है। तो पार्टी सबक सिखाने के इरादे से कुछ नेताओं पर 6 साल के निलंबन की कार्रवाई भी करने के मूड में हैं, हालांकि फैसला अब फरवरी के पहले हफ्ते में ही होगा।
जब बाकलीवाल के विरोध में प्रेस कांफ्रेंस हुई तब क्यों नहीं हुए नोटिस
नोटिस को लेकर एक कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी शह-मात का खेल चल रहा है और बीजेपी को मात देने की जगह अपने लोगों को ही मारने में लगी हुई है। जब कुछ लोगों ने शहराध्यक्ष विनय बाकलीवाल के विरोध में प्रेस कांफ्रेंस की, जब उन्हें लेकर गलत बयानबाजी करने वाले वीडियो सामने आए, तब पार्टी ने किसी तरह की नोटिबाजी क्यों नहीं की। तब तो खुलेआम चौराहों पर यह वीडियो, फोटो सामने आए थे। पार्टी केवल मैदानी काम करने वालों को निपटा रही है, ताकि किसी की टीम ही नहीं बन सकें।
शहराध्यक्ष पद का क्या होगा, तीसरे की बन रही संभावना
वहीं सबसे बड़ी बात है कि अब इंदौर कांग्रेस शहराध्यक्ष पद का क्या होगा? क्योंकि विनय बाकलीवाल समर्थकों के साथ भोपाल जाने और अनुशासनहीनता का नोटिस पाए जाने के बाद कठघरे में आ गए हैं, वहीं अरविंद बागड़ी ने इस पूरे मसले में खुद तो ज्यादा कुछ नहीं किया ना बोला लेकिन उन्होंने अग्रवाल समाज को आगे कर दिया, यह बात भी पार्टी को अखर रही है, कि पार्टीगत मामले में समाज को क्यों आगे रखा गया। ऐसे में अब ये पद किसी तीसरे की गोद में तो नहीं गिर जाएगा? इसकी संभावना ज्यादा बनने लगी है। इसी नाम से यह भी तय होगा कि आखिर इंदौर कांग्रेस को लेकर किस गुट की ज्यादा दमदारी दिल्ली से लेकर भोपाल तक चल रही है।