इंदौर में महापौर-पार्षद अफसरों से दुखी तो जिला पंचायत अध्यक्ष सीईओ से हैरान, विजयवर्गीय बोले- सामंतवादी सोच से काम कर रहे अधिकारी

author-image
Vijay Choudhary
एडिट
New Update
इंदौर में महापौर-पार्षद अफसरों से दुखी तो जिला पंचायत अध्यक्ष सीईओ से हैरान, विजयवर्गीय बोले- सामंतवादी सोच से काम कर रहे अधिकारी

संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के सपनों का शहर इंदौर, पीएम नरेंद्र मोदी के नए दौर का शहर इंदौर। लेकिन अभी तो सवाल सभी जगह यही है कि आखिर इंदौर में हो क्या रहा है? फिलहाल नेता, जनप्रतिनिधि पस्त नजर आ रहे हैं और अधिकारी मस्त। हालत ये है कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव हों या पार्षद या फिर जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकारी किसो को तवज्जो देने को तैयार नहीं है। सभी जगह अधिकारी वर्सेस जनप्रतिनिधि की लड़ाई चल रही है और इसमें विजेता केवल अधिकारी ही हैं। हालत ये है कि विकास यात्रा बैठक में अधिकारियों का विलाप करने वाले पार्षदों को ही भोपाल और संगठन से समझाइश मिल गई कि इस तरह से सार्वजनिक बात मत उठाओ और विकास यात्रा पर ध्यान दो। 



विजयवर्गीय फिर मुखर, बोल अधिकारी सामंतवाली सोच के



हालत ये है कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय यहां तक कह गए कि अधिकारी सामंतवादी सोच से काम कर रहे हैं और ये सहन नहीं किया जाएगा। पहले भी विजयवर्गीय कह चुके हैं कि अधिकारियों की मालिश बंद करो दो। निगम चुनाव के बाद तो उन्होंने कहा था कि सीएम जितना अधिकारियों पर भरोसा करते हैं, कार्यकर्ताओं पर करें तो अधिक बेहतर होगा। 



ये खबर भी पढ़ें...



इंदौर के BCM ग्रुप में ‘जुम्मा-चुम्मा’ वाली किमी काटकर के पति की फर्जी कंपनियों से भी आया पैसा, 10 करोड़ कैश मिले, डायरियों पर सौदे



इन घटनाओं से समझें क्या हुआ



महापौर- विकास यात्रा की हुई बैठक में महापौर को बोलना पड़ा कि ढ़ाई साल मनमानी कर ली, अब जनप्रतिनिधियों के हिसाब से चलना होगा नहीं तो नतीजे ठीक नही होंगे और ये मैसेज जहां तक पहुंचाना है पहुंचा देना। इशारा उस बैठक में नहीं आई निगमायुक्त प्रतिभा पाल की ओर माना जा रहा है।



पार्षद- पार्षदों के आरोप हैं कि अधिकारी सुनते नहीं, फोन नहीं उठाते और ना ही दफ्तरों में मिलते हैं और हमशे ज्यादा तो ठेकेदारों से मिलने में व्यस्त होते हैं। कई फाइलें क्वेरी लगाकर लौटा दी जाती है और विकास काम अटक जाते हैं। 



जिला पंचायत अध्यक्ष- 



शुक्रवार को जिला पंचायत की बैठक हुई इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष रीना माल वीय और कई प्रतिनिधि तो पहुंच गए लेकिन सीईओ वंदना शर्मा पहुंची ही नहीं। इसके बाद नाराज अध्यक्ष और सदस्य उठ गए और बोले कि यहां हम नाशता करने कचोरी, समोसा खाने आते हैं क्या? बाद में मान-मनौव्वल के बाद बैठक हुई। 



प्रशासन पस्त- उधर भूमाफिया चंपू, चिराग, नीलेश अजमेरा, हैप्पी धवन के पीडितों को लेकर हाईकोर्ट में लगी याचिका पर प्रशासन की ओर से आए अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने ये कह दिया कि मुझे धमकियां मिलती है कि कोर्ट में कपड़े उतरवा देंगे, नौकरी चली जाएगी। इस बयान के बाद इसके मायने निकाले जा रहे हैं कि प्रशासन भूमाफियाओं के आगे पस्त हो गया है और इनकी जमानत रद्द कराने की बजाय गिड़गिड़ा रहा है।


इंदौर में सामंतवादी सोच से काम कर रहे अधिकारी इंदौर जिला पंचायत सीईओ से परेशान इंदौर प्रशासन भूमाफिया से परेशान इंदौर में महापौर पार्षद अधिकारियों से दुखी मध्य प्रदेश में नेता पस्त अधिकारी मस्त officers working with feudalistic thinking Indore Indore District Panchayat  troubled by CEO Indore administration troubled land mafia Mayor Indore unhappy councilors Politicians Madhya Pradesh awe officers