संजय गुप्ता, INDORE. मप्र इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नई निगमायुक्त हर्षिका सिंह अलग-अलग राह पर चलने लगे हैं। सूर्यदेव नगर के मंदिर तोड़ने के बाद उठे विवाद के बाद दोनों के बयान जिस तरह से सामने आए हैं, इससे फिर यही साफ हो रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना की कठोर निंदा की और कहा कि जनप्रतिनिधियों को बिना बताए ही निर्माणाधीन मंदिर तोड़ा गया, इसलिए दोनों अधिकारियों (भवन अधिकारी अनूप गोयल और भवन इंस्पेक्टर दीपक गरमड़े) पर कार्रवाई कर ट्रेचिंग ग्राउंड भेजा गया है। लेकिन, निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने इसके उलट मीडिया में कहा- कार्रवाईयां तो नहीं कहूंगी, कार्यादेश के तहत जो चेंजेस करना है, प्रशासनिक अधिकारी के रूप में वह हम करेंगे। यानी उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात पूरी तरह से टाल दी, सीधा मतलब है किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
महापौर-निगमायुक्त के बीच दूरी नई बात नहीं
महापौर और निगमायुक्त के बीच यह दूरियां नई बात नहीं है, इसके पहले भार्गव के महापौर पद संभालने के बाद से ही तत्कालीन निगमायुक्त प्रतिभा पाल के बीच लगातार दूरियां बनी रही। जिस पर महापौर को बोलना पड़ा कि लालफीताशाही नहीं चलेगी और अधिकारियों को जहां यह संदेश देना है दे देना। पाल के बदलने के बाद उम्मीद थी कि सब कुछ सही होगा, लेकिन एक बार फिर महापौर और वर्तमान निगमायुक्त के बीच दूरियां सतह पर आ गई है। उधर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी मंदिर तोड़ने के मामले में उलझकर रह गए हैं। सभी नेता उन्हीं से सवाल कर रहे हैं। इधर श्रीबेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की समिति ने भी मोर्चा खोल दिया है और वह रविवार को बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
तो क्या निगमायुक्त ने ही भेजी थी मंदिर तोड़ने रिमूवल गैंग
इस पूरे घटनाक्रम में जानकारों के अनुसार एक बात साफ है कि रिमूवल गैंग बिना उच्च अधिकारी के किसी मंदिर को तोड़ने जा रही नहीं सकता है, यदि ऐसा होता तो क्या बावड़ी हादसे वाले श्रीबेलेश्वर महादेव मंदिर में जनवरी-फरवरी में ही कार्रवाई नहीं हो जाती, क्योंकि यहां तो 23 जनवरी 2023 को ही भवन अधिकारी मंदिर के अवैध हिस्से को हटाने का फाइनल नोटिस जारी कर चुके थे। लेकिन तब भी रिमूवल गैंग को मंजूरी नहीं मिली थी। अपर आयुक्त आईएएस सिद्धार्थ जैन द्वारा इस कार्रवाई को लीड करने की बात सामने आई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के कहने पर सीधे गए थे या फिर उन्होंने निगमायुक्त सिंह को भी विश्वास में लिया था और उनसे पूछा था या नहीं।
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कलेक्टर को देना पड़ रहा जवाब, निगमायुक्त के गोलमोल जवाब
इस पूरे मामले में प्रशासन की ओर से तो यही बात सामने आई है कि कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के पास मंगलवार को जनसुनवाई में इस मंदिर को लेकर शिकायत हुई और उन्होंने निगम को फॉरवर्ड कर दिया। लेकिन फॉरवर्ड किसे किया और क्या बोलकर किया इस मामले में प्रशासन ने चुप्पी साध ली है, हालांकि नेताओं के सवालों के जवाब कलेक्टर यही दे रहे हैं कि मैंने मंदिर तोड़ने का नहीं बोला था। उधर निगमायुक्त सिंह कार्रवाई कैसे और किसके आदेश पर हुई इस सवाल का जवाब सीधे नहीं देकर गोल-गोल देती है, कि- जो इश्यू हुआ है, उसमें यहीं कहूंगी कि जो दोनों संबंधित पक्षों से जो शिकायतकर्ता है और जो कार्रवाईयां हुई है। इसे लेकर सभी से चर्चा हो रही है, इसे लेकर सभी को सामंजस्य से काम करने की आवश्यकता है।
इधर मंदिर का मलबा हटना शुरू, नया बनेगा
उधर एमआईसी सदस्य अभिषेक बबलू शर्मा ने बताया कि निर्माणाधीन मंदिर का मलबा हटना शुरू हो गया है और मंदिर की साफ-सफाई के साथ ही ठेकेदार से बात हो रही है। वह मंदिर की डिजाइन, एस्टीमेट बनाकर दे रहा है और इसके बाद शुभ मुहुर्त में मंदिर निर्माण फिर शुरू होगा। इसमें सभी जनसहयोग कर रहे हैं। कार्रवाई को लेकर उन्होंने बताया कि दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई हो गई है और ट्रेचिंग ग्राउंड भेजा गया है।