संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम ने जोर-शोर से शहर के टॉप-20 और फिर टॉप-50 बकायादारों की सूची जारी की थी जिन्होंने सालों से संपत्ति कर नहीं भरा था। इसमें शासन के मंत्री विजय शाह जैसे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी थे, लेकिन इन सभी से वसूली पर निगम के किसी अधिकारी का जोर नहीं चला। कुछ दिन टीम जोर-शोर से कुछ परिसर में गई, कुर्की जैसे बोर्ड और नोटिस चस्पा करने की मुंह दिखाई हुई और इसके बाद मामला ठप हो गया। अपर आयुक्त राजस्व अभिषेक गेहलोत, उपायुक्त लता अग्रवाल (जो एमपीसीए के दफ्तर में मैच के एक दिन पहले छापा मारने पहुंच गई थी) और अन्य राजस्व अधिकारी इसके लिए जिम्मेदारी लिए हुए थे लेकिन बड़े लोगों पर किसी का जोर नहीं चला। टॉप-20 में से मुश्किल से 2 लोगों ने ही टैक्स भरा, बाकी ने यहां निगम को मामूली पार्ट पेमेंट कर दिया और अधिकांश ने तो ठेंगा दिखा दिया।
देखिए किस तरह रही वसूली की हालत
- न्यू टेक्सटाइल कॉर्पोरेट पर बकाया टैक,स राशि 13 करोड़ से ज्यादा है।
मंत्री विजय शाह पर 34 लाख रुपए का बकाया
वन मंत्री कुंवर विजय शाह पर भी निगम का करीब 34 लाख रुपए बकाया है। वे साल 2014 से ही टैक्स नहीं भर रहे हैं, पहले उन पर आवासीय दर से टैक्स निकाला गया था, लेकिन द सूत्र द्वारा इस प्रॉपर्टी का खुलासा करने के बाद कि यह आवासीय नहीं बल्कि व्यावसायिक है, उन्हें 19 लाख रुपए का नोटिस बदलकर 34 लाख रुपए का दिया गया। लेकिन इनके यहां किसी तरह का बोर्ड नहीं लगा और ना ही कुर्की हुई।
वसूली नोटिस को लेकर कुछ बकायादार चले गए हैं कोर्ट
नगर निगम के बकाया वसूली को लेकर कई बड़े बकायादार कोर्ट में गए हैं, जहां से स्टे लेकर बैठे हुए हैं। इस पर भी नगर निगम द्वारा अभी तक कोई बड़ी पहल नहीं की गई है कि वो स्टे हटाकर इनसे वसूली कर सके।
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वसूली कर लें तो आम कारोबारी पर ट्रेड लाइसेंस बढ़ाने की जरूरत ही नहीं हो
हाल ही में नगरीय प्रशासन विभाग ने ट्रेड लाइसेंस शुल्क में 10 गुना तक इजाफा करने का नोटिफिकेशन किया है। इसे लेकर विरोध के बाद और द सूत्र द्वारा प्रमुखता से खबर उठाने के बाद पहले इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नए नियम से अभी वसूली नहीं करने की बात कही फिर शासन ने नोटिफिकेशन को फिलहाल स्थगित करने का आदेश दिया। वहीं जानकारों का कहना है कि बड़े बकायादारों पर वसूली का डंडा निगम ईमानदारी से चला ले तो फिर आम कारोबारी पर इस तरह का बोझ डालने वाले नोटिफिकेशन, नियम लाने की जरूरत ही नहीं पड़े।