संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में रविवार (23 अप्रैल) को हुए पूर्व कांग्रेस विधायक सत्यनारायण पटेल के संस्थान गीता रामेश्वरम ट्रस्ट द्वारा कराए जा रहे अधिवक्ताओं के एक कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस VS कांग्रेस के आरोप लग रहे हैं। वहीं बड़े नेताओं के ट्वीट से भी हलचल मच गई है। इस आयोजन को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर इसे कपिल सिब्बल और सैम पित्रोदा के साथ एक नई यात्रा बताया और नया एरा (नया युग) बताया। वहीं दिग्विजय सिंह ने उनके इस ट्वीट पर कहा कि कपिल सिब्बल, सैम पित्रोदा के साथ यह बहुत ही अच्छी शुरुआत है। उधर बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने तंज कसा कि तन्खा जी, अभी नाथ जी को अकूत धन संपत्ति का मालिक बता रहे थे। उनके पास हवाई जहाज से लेकर सारे संसाधन बता रहे थे…अब कपिल सिब्बल के साथ नई शुरुआत और इस पर दिग्विजय सिंह की तंज भरी बधाई।
कपिल सिब्बल @KapilSibal व सैम पित्रोदा @sampitroda के साथ यह बहुत ही अच्छी शुरुआत है @VTankha जी। आप को बधाई। @INCMP @INCIndia @RahulGandhi @Jairam_Ramesh https://t.co/lybsWc8CbR
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 23, 2023
इसलिए लग रहे कांग्रेस VS कांग्रेस के आरोप
अधिवक्ता अजय बागड़िया ने हाल ही में पूर्व सीएम कमलनाथ और शशि थरूर के साथ एक बड़ा आयोजन कराया। इसमें पूरा श्रेय बागड़िया के खाते में चला गया और दूसरा धड़ा दूर खड़ा रह गया। अब इस कराए गए आयोजन को इसके प्रतिवाद के रूप में इसे देखा जा रहा है। इस आयोजन को पटेल का ट्रस्ट तो करा रहा है। इसके साथ ही संयोजक में मप्र स्टेट बार काउंसिल के जय हार्डिया, सुनील गुप्ता के साथ सौरभ मिश्रा शामिल है। कहा जा रहा है कि आयोजन की जानकारी मिलने पर बागड़िया ने यह बात पूर्व सीएम कमलनाथ तक भी पहुंचाई, फिर वहां से जानकारी भी मांगी गई, खासकर सिब्बल की उपस्थिति को लेकर। पहले आयोजन का कार्ड जारी हुआ तो इसमें सिब्बल का नाम नहीं था, लेकिन आयोजनकर्ता में सत्यनारायण पटेल का नाम था। लेकिन कुछ दिन बाद जब नया आमंत्रण आया और सिब्बल का नाम जुड़ा तो आयोजन से पटेल का नाम हट गया। हालांकि, उनके ट्रस्ट का नाम बना रहा है।
सिब्बल अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं हैं। वे सपा से राज्यसभा सांसद हैं। कांग्रेस में रहते हुए सिब्बल कांग्रेस आलाकमान (राहुल गांधी) के खिलाफ बने G-23 का हिस्सा थे। जी-23 का हिस्सा रहे गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं।
विधानसभा पांच के लिए दो दावेदार, कोठारी का दावा मजबूत
इस आयोजन से कई तरह के हित साधने के प्रयास भी दिख रहे हैं। सत्तू यानी सत्यनारायण पटेल विधानसभा पांच से फिर दावेदारी कर रहे हैं। पटेल की राह में स्वप्निल कोठारी की भी दावेदारी सामने आ रही है। कोठारी ने पूरी तैयारी इस विधानसभा के लिए कर ली है। वे लगातार आयोजन करा रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने पोस्टरों में खुद को विधानसभा पांच के प्रतिनिधि के तौर पर पेश किया था। अब कोठारी अब सीधे दिल्ली हाईकमान, खासकर प्रियंका गांधी से जुड़ चुके हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी सीधे वहीं से आएगी। वह अपने स्तर पर लगातार भजन संध्या से लेकर मनोजरंन कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। इसके साथ ही अब उन्होंने ऐसे राजनीतिक आयोजनों की भी शुरूआत कर दी है।
वहीं, पटेल 2009 लोकसभा चुनाव में सुमित्रा महाजन से 11 हजार से ज्यादा वोटों से हारे थे। 2013 में मप्र विधानसभा चुनाव में देपालपुर से हारे। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पटेल दोबारा सुमित्रा महाजन से हार गए। 2018 में मप्र विधानसभा चुनाव में इंदौर-5 सीट पर बीजेपी के महेंद्र हार्डिया से हार गए। सत्यनारायण पटेल 1998 में पहली बार इंदौर-5 सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 20 साल बाद अपनी ही सीट पर हार गए। 2003 में पटेल ने देपालपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा, पर हार गए। 2008 में देपालपुर से जीतकर विधानसभा पहुंचे।
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अधिवक्ताओं की भविष्य की भी तैयारी
वहीं आयोजनकर्ता अधिवक्ताओं की ओर से भी भविष्य की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। छह माह बाद चुनाव है और सब कुछ अनुकूल रहा और कांग्रेस की सरकार आती है तो फिर यह सभी के लिए राजनीतिक रूप से भी पॉजिटिव हो सकता है। इस तरह एक आयोजन से काफी कुछ सध रहा है, जिसमें टिकट की दौड़ है तो अधिवक्ताओं के एक धड़े को अपना शक्ति प्रदर्शन है और वहीं भविष्य की तैयारी भी है।