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योगेश राठौर, INDORE. आने वाले सालों में यदि ट्रैफिक पर अभी से प्लान बनाकर काम नहीं किया गया तो वह समय आएगा, जब हमारे बच्चे स्कूल आते-जाते समय चार-चार घंटे ट्रैफिक में फसेंगे। यह बात सांसद शंकर लालवानी ने कलेक्टोरेट में ट्रैफिक को लेकर हुई बैठक में कही। बैठक में सांसद ने दिल्ली की संस्था द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट को भी पेश किया। बैठक में बताया गया कि 20 साल बाद 2042 में इंदौर की आबादी 74 लाख होगी और तब ट्रैफिक का बुरा हाल होगा। अभी शहर में 35 फीसदी टू व्हीलर और साढ़े सात फीसदी लोग कार चलाते हैं। शहर में 20% लोग सिटी बसों का इस्तेमाल करते हैं वहीं 12 परसेंट लोग अब भी ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल करते हैं पैदल चलने वालों की संख्या करीब 23 परसेंट है वही दो फीसदी लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।
स्टडी के मुताबिक यह निकली अहम बातें
दिल्ली की संस्था द्वारा हुए सर्वे के आधार पर बैठक में शहर के लैंड यूज और ट्रांसपोर्ट इंटीग्रेशन, रोड नेटवर्क स्ट्रेटेजी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट एवं इंटरमीडिएट पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, नॉन मोटराइज़्ड ट्रांसपोर्ट, ट्रेफिक इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, पार्किंग मैनेजमेंट और इसके लिए आवश्यक टेक्नोलॉजिकल उपाय जैसे आठ प्रमुख विषयों को कवर किया गया।
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स्टडी में यह कहा गया
इस स्टडी के मुताबिक शहर के कोर सिटी एरिया को डीकन्जेस्ट करना और शहर का विकास इस तरीके से करने पर जोर दिया गया। शहर के हर हिस्से में बुनियादी सुविधाएं और रोजमर्रा के काम की चीजें उपलब्ध हो ताकि व्यक्ति को कोर सिटी एरिया में ना जाना पड़े। इसके लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में सब सिटी सेंटर डिवेलप किए जाए। इस डिटेल सर्वे में शहर में करीब 940 स्क्वायर किलोमीटर सड़कों की जरूरत बताई गई। साथ ही शहर की रिंग रोड को पूरा करने, उज्जैन से इंदौर और इंदौर से महू पीथमपुर तक मेट्रो ट्रेन चलाने और शहर में कुल 107 नए फ्लावर या रोड ओवर ब्रिज की जरूरत बताई गई।
आने वाले समय में यह होगी जरूरत
- पांच नए इंटरसिटी टर्मिनल बनाया जाए।
बैठक में यह थे मौजूद
बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, कलेक्टर इलैया राजा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।