संजय गुप्ता, INDORE. लोक शिक्षण आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर इंदौर स्कूल जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर को आखिरकार सस्पेंड कर दिया गया। उनके खिलाफ राजेंद्र नगर थाने में साल 2019 में 420 धारा के साथ ही कूटरचित दस्तावेज बनाने के लिए धारा 466, 468 व 34 में भी केस हुआ था, साथ ही आईटी एक्ट 2000 की धाराएं भी आरोपित की थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) का लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग कर 9 निजी स्कूलों को फर्जी तरीके से मान्यता दे दी। इस मामले में पुलिस ने 6 दिसंबर 2022 को ही चालान पेश कर दिया था। लेकिन, वह किसी न किसी तरीके से अभी तक पद पर बने रहे और अब जाकर शासन की नींद खुली है। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के मार्च 2023 के पत्र के आधार पर आयुक्त लोक शिक्षण मप्र ने अब उन्हें सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
तत्कालीन सीईओ ने दिखाई थी तेजी, बाद में सुस्त हो गई सीईओ
तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा ने इसमें तेज जांच की थी और जांच के आधार पर पुलिस को पत्र लिखकर राठौर के खिलाफ केस दर्ज कराया था। लेकिन उनके जाने के बाद से ही किसी अधिकारी ने इसमें रुचि नहीं ली, वर्तमान जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा का भी रवैया सुस्त रहा। लेकिन, पुलिस के चालान पेश होने के बाद विभाग की मजबूरी बन गया कि सस्पेंड किया जाए। सीईओ नेहा मीणा के पत्र में साफ था, कि उन्होंने अपने स्तर पर जांच कराई तो प्रथम दृष्टया राठौर और प्रोग्रामर धीरेंद्र सिंह परिवार इन दोनों के नाम सामने आए। उस समय राठौर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी इंदौर के पद पर भी थे।
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डीपीसी राठौर ने मौखिक कहा था फर्जीवाड़े के लिए
प्रोग्रामर ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि सभी स्कूलों को मान्यता दिए जाने को लेकर डीपीसी राठौर ने उसे मौखिक निर्देश दिया था। उसी आधार पर उसने यह मान्यताएं दी हैं। जिन स्कूलों की मान्यता के मामले में डीपीसी व प्रोग्रामर पर केस दर्ज किया गया। इसमें दिव्य शक्ति स्कूल मनोरमागंज, हरगोविंद पब्लिक स्कूल रावद, श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल महूगांव, द अपेक्स एकेडमी एंड प्ले स्कूल गौतमपुरा, सेंट उमर एकेडमी ओल्ड पलासिया, बिरला ओपन माइंड इंटरनेशनल स्कूल इंदौर, माइंड आई वर्ल्ड स्कूल सिलीकॉन सिटी, बॉम्बे पब्लिक स्कूल देवास नाका, श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल गवली पलासिया शामिल थे।