योगेश राठौर, INDORE. इंदौर के सिमरोल थाने के बीएम कॉलेज परिसर में महिला प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा को पेट्रोल डालकर जलाने के मामले में पुलिस की जांच शुरू हो गई है। विमुक्ता गंभीर हालत में चोइथराम अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने पुलिस को बयान दिया है कि आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (21) कैंपस में आया और मुझ पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। वहीं, आरोपी छात्र खुद को बचाने में जुट गया है और पुलिस को अलग-अलग बातें कह रहा है। उसने औपचारिक तौर पर बयान दिया है कि मुझे मार्कशीट नहीं मिल रही थी, जिससे उसका करियर खतरे में आ गया था। इसके चलते मैं सुसाइड करना चाह रहा था, इसलिए पेट्रोल लेकर कैंपस में महिला प्रिंसिपल के पास गया। पेट्रोल डालकर मैंने खुद को आग लगाई, लेकिन मैडम मुझे बचाने आगे आ गई, जिसमें वह खुद झुलस गई, मैंने किसी को आग नहीं लगाई। पुलिस को उसकी कहानी पर भरोसा नहीं है और कैंपस के लोगों से भी इस पूरी घटना की जानकारी ले रही है।
हालत से ही आरोपी छात्र के बयान झूठे साबित हो रहे
प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा की हालत गंभीर है और वे 75-80% तक जली हैं। वहीं, आरोपी छात्र खतरे से बाहर है और मात्र 20% ही जला है। दोनों की हालत देखकर ही पता चलता है कि आरोपी छात्र के बयान झूठे हैं। यदि उसने खुद पर पेट्रोल डालकर सुसाइड की कोशिश की तो वह केवल 20 फीसदी कैसे जला औऱ् बचाने वाला 80 फीसदी कैसे झुलस गया।
क्या थी घटना?
सिमरोल थाने स्थित बीएम कॉलेज में महिला प्रिंसीपल विमुक्ता शर्मा (45) पर पेट्रोल डालकर आग लगाने के मामले में गिरफ्तार आरोपी छात्र आशुतोष शर्मा पर पुलिस ने धारा 307 (हत्या का प्रयास) में केस दर्ज किया है। एफआईआर के मुताबिक, आरोपी छात्र पर चाकूबाजी मामले में टीचर डॉ. विजय पटेल ने कुछ महीने पहले एफआईआर कराई थी। इसी मामले को लेकर छात्र प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा के पास पहुंचा, तब करीब पौने पांच बजे का समय था। उसने प्रिंसिपल से कहा कि वह डॉ. पटेल को बोलकर उनका राजीनामा करा दें। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। इतना सुनने के बाद आरोपी छात्र ने अपनी बाइक से निकालकर साथ में लाया हुआ पेट्रोल प्रिंसिपल पर डाल दिया और लाइटर से आग लगा दी।
खुद आत्महत्या करने के लिए दौड़ा तिंछा फाल
बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल को आग लगाने के बाद आरोपी छात्र जली हालत में तिंछा फाल की ओर दौड़ा। यह भी सामने आ रहा है कि वह आत्महत्या करने की मंशा से भागा था। गार्ड ने डायल 100 पर फोन किया तो कॉन्स्टेबल धीर सिंह और एसआई सुरेश ठाकुर पहुंच गए और वे छात्र को पकड़ लिया। टीआई भदौरिया ने बताया था कि टीम ने छात्र को तत्परता से दिखाते हुए पकड़ लिया था। उसकी मंशा आत्महत्या करने की लग रही थी।
इसलिए उठाया छात्र ने यह कदम
जानकारी के अनुसार, आरोपी आशुतोष लंबे समय से कॉलेज में गुंडागर्दी करता रहा है। सातवें सेमेस्टर में दो सब्जेक्ट में एटीकेटी आने से आरजीपीवी ने उसकी फाइनल मार्कशीट रोक ली। इसी विवाद के चलते उसने 18 अक्टूबर 2022 को टीचर डॉ. विजय पटेल के साथ चाकूबाजी की, जिस पर सिमरोल थाने में केस हुआ। इसमें जमानत हो गई थी। उसकी मार्कशीट कॉलेज वालों ने भोपाल से बुलवा ली और उसे कॉलेज बुलवाया था कि आकर यह ले जाओ, लेकिन वह जिद पर अड़ा कि पहले मेरा केस राजीनामा कराओ। इसी विवाद मे प्रिसिंपल के साथ अग्निकांड को अंजाम दे दिया।