संजय गुप्ता, INDORE. मप्र इंदौर के उद्योगपति और मेसर्स नारायण अंबिका इन्फ्रा प्रा.लि. के डायेरक्टर कैलाश गर्ग और उनके बेटे पवन गर्ग के खिलाफ पुणे के शिवाजी नगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। 3.5 करोड़ की इस धोखाधड़ी में दर्ज हुए केस की जांच को लेकर पुणे पुलिस ने उनके सपना-संगीता रोड स्थित बंगले पर भी छापा मारा था। फिलहाल अभी गिरफ्तारी की बात सामने नहीं आई है। यह वही गर्ग है जो भूमाफिया चंपू अजमेरा के साथ सेटेलाइट हिल कॉलोनी की जमीन को लेकर भी उलझे हुए हैं। यहां की जमीन का सौदा दोनों के बीच हुआ और बाद में गर्ग ने यहां पर 100 करोड़ से ज्यादा का बैंक लोन उठा लिया था। इसे लेकर पीड़ितों का केस सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इंदौर हाई कोर्ट बेंच में भी चल रहा है और सुनवाई हो रही है।
जमीन सौदे के लिए 3.50 करोड़ लिए, नहीं लौटाई राशि
पुणे के कैलाश वाणी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार में गर्ग ने पुणे के मुलशी तालुका की जमीन का सौदा कैलाश वाणी की कैवल्य इंटरप्राइजेज से किया था, जो जमीन डेवलपर्स का काम करती है। यह सौदा 22 जून 2011 में हुआ। सौदे के समय गर्ग ने वाणी को बताया कि इस जमीन पर लोन है और वह चुकाना है। इस पर वाणी ने उन्हें 3 करोड़ का भुगतान चेक से किया और जमीन डेवलपमेंट के लिए भी 50 लाख रुपए लगाए, इस तरह साढ़े तीन करोड़ खर्च किए। लेकिन बाद में पता चला गर्ग ने उस पर एक और लोन ले लिया, पुराना भी नहीं चुकाया। इस पर 22 नवंबर 2012 को उन्होंने पुराना सौदा रद्द कर अपनी राशि वापस मांगी। इसके बदले में गर्ग ने चेक दिए, जो बाउंस हो गए। तभी से उन्होंने यह राशि नहीं लौटाई है। धोखाधड़ी के अब 11 साल बाद पुलिस ने यह केस दर्ज किया है।
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भूमाफिया चंपू अजमेरा और गर्ग में भी विवाद
गर्ग के साथ भूमाफिया चंपू अजमेरा का भी विवाद चल रहा है। यह विवाद सेटेलाइट हिल कॉलोनी की जमीन को लेकर है। यह जमीन का सौदा सेटलाइट कंपनी के साथ हुआ और इसी जमीन पर गर्ग द्वारा लिया गया करोड़ों का बैंक लोन भी है। इसके चलते कई पीड़ित 10-15 साल से भटक रहे हैं। इसे लेकर हाई कोर्ट बेंच द्वारा बनाई गई रिटायर जज की कमेटी में सुनवाई भी चल रही है। सोमवार को यह कमेटी सेटलाइट हिल कॉलोनी के पीड़ितों को सुनेगी।