Seoni,Vinod Yadav. सिवनी में वन्य प्राणी दिवस पर मोगली की धरती यानि की पेंच टाइगर रिजर्व लोगों में वनों और वन्य प्राणियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए एक नवाचार कर रहा है। प्रधानमंत्री की स्वच्छता अभियान की थीम से प्रेरित होकर पेंच प्रबंधन ने सयाने मोगली की साइकिलें गांव-गांव भेजने का नवाचार किया है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की तर्ज पर सयाने मोगली की साइकिलें अपने जिंगल और सूचनाओं के जरिए लोगों को वनों और वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए रोजाना प्रेरित करेगी।
पेंच नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि सयाने मोगली साइकिल की योजना हमारे रेंज ऑफीसर शुभम बरोनिया के दिमाग की उपज थी। जिसकी शुरूआत रुखड़ वन रेंज से शुरू की गई, इस साइकिल से बफर रेंज के गांवों में काफी सकारात्मक परिणाम दिखाई दिए। जिसके बाद सयाने मोगली की 5 साइकिलों को प्रबंधन ने और बढ़ा दिया है। सार्थक परिणाम सामने आने के बाद पेंच नेशनल पार्क की सभी छह वन परिक्षेत्र में सतत रूप से जागरूक किया जाएगा।
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रजनीश सिंह ने बताया कि जिस तरह से हमने देखा कि स्वच्छता अभियान के तहत कचरे की गाड़ी में बजने वाले जिंगल्स ने लोगों को साफसफाई के लिए प्रेरित किया। साल दर साल बजने वाले गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल के गाने ने लोगों को इसकी आदत डलवाई और वे सफाई के लिए प्रेरित हुए, उसी प्रकार हमारी कोशिश है कि सयाने मोगली की साइकिलों को सतत रूप से जागरुकता फैलाने भेजा जाएगा ताकि बफर जोन के ग्रामीण, वन्य प्राणियों के घायल होने, उनके दिखाई देने और वनों की आग के समय क्या करें इस बात की जानकारी दी जाएगी।
हेल्पलाइन नंबर भी हुआ जारी
इसके अलावा पेंच प्रबंधन ने एक नए हेल्पलाइन नंबर की भी शुरूआत की है। इस नंबर पर बफर क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण किसी जंगली जानवर के दिखने, घायल होने या अवैध कटाई और शिकार संबंधी कोई भी सूचना इस नंबर पर दे सकेंगे। इस नंबर के जरिए पेंच प्रबंधन त्वरित प्रतिक्रिया भी देने की कोशिश करेगा।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की थीम पर वन ओर वन्य प्राणियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पेंच नेशनल पार्क में सयाने मोगली की सायकिल घूमेगी ओर कचरा गाड़ी वाहन में बजने वाली धुन कि तरह सयाने मोगली कि सायकिल पेंच क्षेत्र के ग्रामीणों को वन्य प्राणियों को बचाने के लिए जागरूक करेगी।विश्व वन्य प्राणी दिवस के अवसर पर सिवनी पेंच नेशनल पार्क में यह अनूठी पहल की है। शुरुवाती दौर पर रुखड़ वन परिक्षेत्र में इसकी शुरुआत की गई थी जिसके बाद