विदिशा. यहां के बक्सरिया मोहल्ले में रहने वाले प्रदीप अहिरवार (38) ने शनिवार यानी 9 अक्टूबर को फांसी लगाकर जान दे दी। प्रदीप की 2 साल की बच्ची अपने पिता के शव के पास पूरी रात रोती रही। बच्ची को तो ये भी नहीं पता था कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। प्रदीप की पत्नी की 4 महीने पहले कोरोना से मौत हो गई थी। पत्नी की मौत के बाद से ही पति सदमे में था।
क्या है पूरा मामला
प्रदीप अहिरवार किसान थे। वह अपने परिवार से अलग रहता था। पत्नी की मई में कोरोना से मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद से वह अपनी 2 साल की बेटी रौनक के साथ अकेला रहता था। 4 महीने बाद शनिवार, 9 अक्टूबर की रात प्रदीप ने फांसी लगाकर जान दे दी।
भाई ने दूसरे दिन देखा शव
रविवार यानी 10 अक्टूबर की सुबह जब प्रदीप का भाई किसी काम से घर पहुंचा। उसने आवाज दी पर किसी ने दरवाजा नहीं खोला। उसने जब ध्यान से सुना तो अंदर से रौनक के रोने की आवाज आ रही थी। खिड़की से झांक कर देखा, तो प्रदीप फंदे पर लटक रहा था। उसने अपने चाचा महेश अहिरवार को सूचना दी। उन्होंने उसे थाने सूचना में जानकारी देने को कहा। आसपास के लोग मौके पर जुट गए। इसके बाद घर के मेन गेट को तोड़ा गया। कमरे से प्रदीप को फंदे से उतारा। वहां बच्ची रोते हुए पाई गई।
पुलिस ने जांच की
SI शिवेंद्र पाठक ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि प्रदीप ने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच की और पाय कि प्रदीप के शव पर फंदे के निशान हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिवार वालों को दे दिया। आत्महत्या के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।