इंदिरा के ''तीसरे बेटे'' को हराने अमित शाह ने बनाई खास रणनीति, जानिए छिंदवाड़ा जीत के लिए बीजेपी की तैयारी

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The Sootr
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इंदिरा के ''तीसरे बेटे'' को हराने अमित शाह ने बनाई खास रणनीति, जानिए छिंदवाड़ा जीत के लिए बीजेपी की तैयारी

BHOPAL. मध्य प्रदेश में 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है। इस बर मध्यप्रदेश का चुनाव कई मायनों में खास होने का अनुमान है। दोनों परंपरागत विरोधी पार्टी (कांग्रेस-बीजेपी) के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी, जयस और समता पार्टी भी एमपी में चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी अब एक-दूसरे के गढ़ ढहाने की फिराक में है ताकि ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर सीएम की कुर्सी पर कब्जा जमा सके। इस कड़ी में बीजेपी एक कदम आगे निकलती नजर आ रही है। बीजेपी ने इस बार मध्यप्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़े नेता जो कि कांग्रेस की तरफ से सीएम के भी उम्मीदवार हैं। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पर नजरें गढ़ा ली है। बीजेपी छिंदवाड़ा से ही अपने विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकने जा रही है। और ये बिगुल कोई और नहीं बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की मौजदूगी में फूंका जाएगा। 



आखिर क्यों अहम है छिंदवाड़ा



विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए बीजेपी पार्टी ने काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी ऐसी सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है, जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा। ऐसी ही एक सीट है छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश की एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है, जिसे 1952 के बाद से एक उपचुनाव को छोड़ दें तो बीजेपी कभी जीत नहीं मिली। कांग्रेस की यह सीट अभेद्य किले की तरह है। कमलनाथ के मजबूत गढ़ छिंदवाड़ा में सेंधमारी करने के लिए बीजेपी के रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद आ रहे हैं। कमलनाथ के वजूद वाले इस इलाके में सातों विधायक और सांसद कांग्रेस से हैं। इतना ही नहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष और महापौर भी कांग्रेस से ही हैं।



छिंदवाड़ा को लेकर बीजेपी का विशेष प्लान



बीजेपी की नजर न सिर्फ आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर इलाके की सातों विधानसभा सीटों पर हैं, बल्कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी है। साल 2019 में बीजेपी ने मोदी लहर में कांग्रेस के सभी बड़े गढ़ पर एक के बाद एक कमल खिला दिया था। लेकिन बीजेपी का ये कमल, कमलानाथ के आगे मुरझा गया था। गुना, भोपाल, झाबुआ में बीजेपी का प्लान काम कर गया था, लेकिन छिंदवाड़ा में बीजेपी की सारी कोशिशों पर पानी फैरते हुए कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने जीत दर्ज की थी। उस समय इस बात को लेकर बीजेपी काफी चिंतित नजर आई थी। इसलिए इस बार बीजेपी ने छिंदवाड़ा को लेकर विशेष प्लानिंग की है, सीएम शिवराज सिंह का छिंदवाड़ा दौरे पर दिया गया बयान 'कांग्रेस की राजनीति को खत्म कर यहीं दफन कर देंगे' इसी बात की तरफ इशारा कर रहा है कि बीजेपी के चाणक्य शाह छिंदवाड़ा में कुछ बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल के इरादे से आ रहे हैं। 



2019 के बाद से कांग्रेस की जीत का अंतर कम हो रहा



साल 2019 में कमलनाथ के बेटे ने मात्र 37 हजार 5936 वोटों से जीत दर्ज की थी। जबकि ठीक इसके पहले जब 2014 में लोकसभा चुनाव हुए थे तो कमलनाथ ने बीजेपी के चंद्रभान सिंह को 1 लाख 16 हजार से ज्यादा मतों से धूल चटाई थी। इस इलाके में बड़ी संख्या में आदिवासी वोटर हैं देखा जाए तो इस इलाके के आदिवासी वोटर्स के कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। लेकिन इस बार बीजेपी इस वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है। आदिवासियों को साधेंने के लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा आ रहे हैं। अमित शाह का पूरा फोकस आदिवासी वोट बैंक पर होगा। शाह शहर के पुलिस परेड ग्राउंड में सभा करेंगे और शाह पहले स्वतंत्रता सेनानी बादल भोई की जन्म स्थली डुंगरिया तितरा जाने वाले थे, लेकिन कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। माना जा रहा है कि आंचल कुंड को इसलिए चुना गया है। क्योंकि ये आदिवासी बहुल अमरवाड़ा ब्लाक में स्थित है और दादाजी का दरबार आदिवासी समुदाय में अपार श्रद्धा का केंद्र है। दादाजी दरबार का भक्तों के बीच वही स्थान है, जो खंडवा के धूनी वाले दादा जी दरबार का है। ऐसे में आदिवासियों और हिंदुओं के बीच समान रूप से आस्था के केंद्र दादाजी के दरबार में गृह मंत्री की हाजिरी बड़े वर्ग में संदेश देने का काम भी करेगी। 



बीजेपी के फायर ब्रांड नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के जिम्मे छिंदवाड़ा



बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले साल सितंबर को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक विशेष मीटिंग हुई थी। इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसी 104 लोकसभा सीटों का विश्लेषण किया था जो 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए कठिन मानी जा रही हैं। इसमें मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट भी है। छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी अगस्त 2022 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दी गई थी। आपको बता दें गिरिराज सिंह बीजेपी के फायरब्रांड नेता हैं और वर्तमान में बिहार की बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार को हराकर सांसद बने थे। गिरिराज सिंह को हार्डकोर हिंदूवादी छवि के चलते ही छिंदवाड़ा भेजा गया है। 



इसलिए बीजेपी की नजर में चढ़ा है छिंदवाड़ा 




  • छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में आठ लाख से ज्यादा आदिवासी वोटर हैं, जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी पुरजोर कोशिश कर रही है।


  • छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा, जुन्नारदेव और पांढुर्णा एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर अभी कांग्रेस का कब्जा है।

  • अमित शाह का दौरा बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव हैं।

  • बीजेपी प्रदेश के आदिवासी वोटों को साधने का प्रयास लगातार कर रही है। इसी कड़ी में बीजेपी ने प्रदेश में पेसा एक्ट के प्रवाधान लागू किए, साथ ही साथ भगोरिया को राजकीय पर्व भी घोषित किया। इसी के साथ सीएम शिवराज लगातार आदिवासी इलाकों में पर नजर बनाए रखे हैं। 

  • छिंदवाड़ा दौरे से पहले अमित शाह जबलपुर में शंकर शाह रघुनाथ शाह के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहीं कुछ दिन पहले ही सतना में कोल आदिवासी समाज को साधने की दृष्टि से शबरी जयंती के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश दौरे पर आए थे। इन्हीं दौरे को देखते हुए इस बात से इनकरा नहीं किया जा सकता की इस बार चुनाव कांटे का होगा। 


  • Madhya Pradesh Assembly Elections 2023 मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 PCC Chief Kamal Nath पीसीसी चीफ कमलनाथ Union Home Minister Amit Shah केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह Amit Shah meeting in Chhindwara Union Minister Giriraj Singh in charge of Chhindwara छिंदवाड़ा में अमित शाह की सभा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को छिंदवाड़ा का प्रभार