Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग में गैंगमेन के पद पर पदस्थ पिता के निधन के बाद बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग पर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए, बालाघाट कलेक्टर को निर्देश जारी किए हैं कि 90 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के आवेदन पर सुनवाई करते हुए आवेदन का निराकरण किया जाए। अदालत ने यह स्पष्ट करते हुए निर्देश जारी किए हैं कि यदि कलेक्टर यह करने में सक्षम अधिकारी न हों तो पीडब्ल्यूडी बालाघाट के कार्यपालन यंत्री उक्त अवधि में आवेदन का निराकरण करें। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता देवेश शर्मा और एच एन मिश्रा ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा।
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बालाघाट निवासी धम्मदीप के पिता पीडब्ल्यूडी में गैंगमेन के पद पर कार्यरत थे। अगस्त 2022 में उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद धम्मदीप ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन कार्यपालन यंत्री बालाघाट के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिस पर कोई कार्रवाई न होने के चलते उसने कलेक्टर बालाघाट के समक्ष आवेदन दिया था कि कार्यपालन यंत्री बालाघाट को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया जाए। जहां पर भी कोई सुनवाई न होने के कारण धम्मदीप ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
याचिकाकर्ता की ओर से दायर रिट पिटीशन पर अधिवक्ता देवेश शर्मा ने अदालत में दलील दी कि याचिकाकर्ता अनुकंपा नियुक्ति पाने का अधिकारी है एवं मध्यप्रदेश शासन की अनुकंपा नियुक्ति की नियमावली अनुसार वह अनुकंपा नियुक्ति पाने के योग्य है। लेकिन प्रशासन द्वारा लगातार उसके आवेदन में हीलाहवाली की जा रही है। उभयपक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जिला कलेक्टर बालाघाट को याचिकाकर्ता के आवेदन का निराकरण 90 दिनों की भीतर करने के निर्देश दिए हैं।