Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग से नोटिस जारी कर यह सवाल पूछा है कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के बीच में ही नियुक्ति की शर्तें क्यों बदल दी गईं। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय और मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अदालत ने अंतरिम आदेश के तहत याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने की अनुमति देते हुए उनका परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई है।
पहले 18 बाद में 21 वर्ष कर दी न्यूनतम आयु अर्हता
भोपाल की रचना धाकड़ समेत सागर, सीहोर, सतना, सीधी, उमरिया के करीब एक दर्जन उम्मीदवारों ने याचिका दायर कर बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण ने प्राथमिक शिक्षक के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके तहत उम्मीदवारों के लिए एक जनवरी 2021 को न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की थी। याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा दी और वे उत्तीर्ण हो गए। याचिका में बताया गया कि अब प्रक्रिया के मध्य में काउंसलिंग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। काउंसलिंग 24 नवंबर से शुरू हो रही है।
सीलबंद कवर में सुरक्षित रखा जाए रिजल्ट
मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को काउंसलिंग में शामिल करो और उनका रिजल्ट सील बंद कवर में सुरक्षित रखा जाए। मामले में अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी। याचिकाकर्ताओं के ओर से अधिवक्ता आरबी तिवारी और शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा ने मामले जिरह की।