संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) राज्य सेवा परीक्षा 2020 के इंटरव्यू की तारीख घोषित कर दी गई है। पीएससी 27 अप्रैल से यह इंटरव्यू आयोजित करेगी। इसकी औपचारिक सूचना मंगलवार ( 28 मार्च) को सुबह जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि- राज्य सेवा परीक्षा 2020 के मैन्स के रिजल्ट में मूल सूची में 698 और प्रोवीजनल (13 फीसदी पदों के लिए) सूची में 265 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित हुए हैं। इन सभी के ऑनलाइन आवेदन 6 मार्च तक बुलवाए गए थे। इन सभी के इंटरव्यू 27 अप्रैल से आयोग के कार्यालय में होंगे। योग्य आवेदकों के साक्षात्कार पत्र आयोग की वेबसाइट पर 18 अप्रैल से डाउनलोड किए जा सकेंगे। इंटरव्यू वाले दिन उम्मीदवार सुबह 9 बजे कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराएं और साक्षात्कार पत्र में लिखी शर्तों का पालन करें। माना जा रहा है कि इंटरव्यू होते ही दस दिन में रिजल्ट जारी कर 87 फीसदी पदों पर अंतिम भर्ती की जाएगी। यानि 2018 के बाद इस साल मप्र शासन को डिप्टी कलेक्टर व अन्य पदों पर नए अधिकारी मिलेंगे। इसके पहले आयोग में एक विचार यह चल रह था कि राज्य सेवा परीक्षा 2019 की विशेष मैन्स होने और रिजल्ट आने के बाद पहले उसके इंटरव्यू कराएं जाएं और इसके बाद क्रम से साल 2020 के इंटरव्यू हो, लेकिन इसमें लग रही लंबी प्रक्रिया को देखते हुए अब 2020 के पहले इंटरव्यू कराए जा रहे हैं।
इंटरव्यू के लिए कुल 963 उम्मीदवार
पीएससी की राज्य सेवा परीक्षा 2020 में कुल 260 पद है। ओबीसी आरक्षण व अन्य कानूनी पेंच के चलते इसके मैन्स के रिजल्ट में काफी देरी हुई और आखिरकार पांच फरवरी को यह रिजल्ट जारी हुआ। इसके बाद से ही उम्मीदवार अब अंतिम पायदान इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं। मैन्स रिजल्ट में पीएससी ने मूल रिजल्ट सूची में 698 को (87 फीसदी पदों क लिए) और प्रोवीजनल सूची में 265 (13 फीसदी पदों के लिए) को सफल घोषित किया था। कुल 963 उम्मीदवारों के इंटरव्यू होंगे।
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अंतिम चयन केवल 87 फीसदों पद पर होंगे
ओबीसी आरक्षण 14 या 27 फीसदी? इसे लेकर चल रहे कानूनी विवाद के कारण आयोग अंतिम भर्ती केवल 87 फीसदी पदों के लिए करेगा। बाकी 13 फीसदी पदों के लिए रिजल्ट बंद लिफाफे में रहेंगे, यदि आरक्षण को 27 फीसदी कर दिया जाता है तो प्रोवीजनल सूची के 13 फीसदी ओबीसी खाते में चले जाएंगे। इस प्रोवीजनल सूची में ओबीसी कैटेगरी में चयनित उम्मीदवारों में से उम्मीदवार को चयनित किया जाएगा। अगर ओबीसी आरक्षण 14 ही रहता है तो फिर 13 फीसदी पद अनारक्षित कैटेगरी में चले जाएंगे और प्रोवीजनल सूची में से 13 फीसदी अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों में चयनित होंगे।