संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा के खिलाफ अब ईओडब्ल्यू इंदौर ने जांच शुरू कर दी है। यह मामला 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत की सांवेर तहसील की भंवरासला की जमीन से जुड़ा है। इस जमीन का चंपू ने दो कंपनियों से सौदा साल 2012-13 के दौरान किया था, जिसमें इंदौर की कंपनी की शिकायत पर इंदौर ईओडब्ल्यू ने मामला जांच में लिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह जमीन देश के सबसे बड़ा हवाला कारोबारी नरेश जैन, दिल्ली निवासी ने खरीदी थी, जिसे ईडी गिरफ्तार कर चुकी है और उसके संबंध दाउद इब्राहिम के साथ होने की बात कही जाती है। भोपाल ईओडब्ल्यू द्वारा मामले को दर्ज कर जांच इंदौर ऑफिस पहुंचाई गई है, जिस पर गोपनीय जांच शुरू हो गई है और संबंधितों को नोटिस भी जारी कर बयान के लिए बुलाया जा रहा है।
यह है पूरा मामला
शिकायत में है चंपू और उसके भाई नीलेश अजमेरा द्वारा बनाई गई कंपनी मेसर्स गोल्ड टेरेस अपार्टमेंट जिसमें फ्रंट पर महावीर जैन, अनिल सोगानी और राहुल कासलीवाल थे, इन्होंने भंवरासला की जमीन सर्वे नंबर 166/1, 166/2, 167/1, 167/2, 155/2/2, 155/3/2 करीब छह हेक्टेयर जमीन का सौदा पहले इंदौर की एस्टीट्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसट्रक्शन प्रालि के साथ नौ करोड़ में किया गया, जिसमें 8.71 करोड का भुगतान कर दिया गया, बाकी राशि के चेक दिए गए। लेकिन चंपू की कंपनी ने जमीन दिल्ली की कंपनी गोल्डलाइन वेंचर्स प्रालि को बेचकर साल 2013 में रजिस्ट्री करा दी, जिसमें मोहित जैन, अमन जैन संचालक और विकास गुलाटी अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता है और वास्तव में यह कंपनी हवाला कारोबारी नरेश जैन और विकास सिंह की है। यह सौदा 14.37 करोड़ रुपए में किया गया। इस तरह जमीन का दो बार सौदा किया गया।
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बिकी जमीन पर कनक रेसीडेंसी बन गई
बाद में यह जमीन जैन ने कनक रेसीडेंसी ग्रुप के संजय ठाकुर को बेच दी। जहां उन्होंने अपने ग्रुप के नाम पर कॉलोनी विकास की मंजूरी ले ली और कॉलोनी काट दी। जबकि बीच में जमीन को लेकर चले विवाद के दौरान कोर्ट से जमीन की यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश थे। ऐसे में मामले में ठाकुर भी घिर गए हैं, कि उन्होंने जमीन का सौदा करके, कलेक्टोरेट से विकास मंजूरी लेकर कॉलोनी कैसे विकसित कर ली? अब यहां विवाद के बाद रजिस्ट्री करने पर रोक लगी है।
शिकायत में इन सभी पर लगाए गए आरोप
इंदौर की कंपनी एस्टीट्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा की गई शिकायत में इस पूरी धोखेबाजी के लिए चंपू अजमेरा, महावीर जैन, राहुल कासलीवाल, अनिल सोगानी, कंपनी गोल्डलाईन वेंचर्स प्रालि के मोहित जैन, अमन जैन, विकास गुलाटी, संजय ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
पुलिस चार साल पहले चंपू को क्लीन चिट दे चुकी
अब इस पूरी घटना में एक और रोचक बात यह है कि खुद दिल्ली की गोल्डलाइन कंपनी भी चंपू और अन्य के खिलाफ सौदे में धोखेबाजी को लेकर शिकायत कर चुकी है और इसे लेकर तत्कालीन इंदौर जोन तीन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत चौबे चंपू को क्लीन चिट की रिपोर्ट दे चुके हैं। जिला लोक अभियोजक के अभिमत के आधार पर उन्होंने चंपू, महावीर जैन सहित सभी पक्षकारों को यह कहते हुए क्लीन चिट दी कि संज्ञेय अपराध संबंधी साक्ष्य का अभाव है और मामला सिविल प्रकृति का है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में हाईकोर्ट में पुलिस की ओऱ् से पुटअप की गई रिपोर्ट में चंपू, नीलेश सभी को हार्डकोर अपराधी बताते हुए इनके जमीन के अपराध हत्या, बलात्कार की तरह माने ग्ए हैं और जमानत रद्द करने की भी मांग यह कहते हुए की गई कि यह समाज में खुले घूमने लायक नहीं है।