जबलपुर कैंट बोर्ड का नगर निगम में होगा विलय, केवल सिविल एरिया होगा निगम के हवाले, सैन्य क्षेत्र की सुविधाओं पर असमंजस

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
जबलपुर कैंट बोर्ड का नगर निगम में होगा विलय, केवल सिविल एरिया होगा निगम के हवाले, सैन्य क्षेत्र की सुविधाओं पर असमंजस

Jabalpur. जबलपुर में कैंट बोर्ड के नगर निगम में होने जा रहे विलय की प्रक्रिया तेज हो चुकी है, हालांकि इस बीच लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि किन क्षेत्रों को नगर निगम अपने अंडर में ले लेगा। जानकारी के मुताबिक कैंट बोर्ड का केवल सिविल एरिया ही नगर निगम में शामिल किया जाएगा। बाकी का बचा क्षेत्र मिलिट्री स्टेशन में कन्वर्ट हो जाएगा। कैंट क्षेत्र के बंगले, बगीचे और कंपाउंड में बड़ी आबादी रह रही है। इनको नगर निगम में शामिल किया जाएगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 



बंगले, बगीचों और कंपाउंड के बाशिंदे संशय में



सवाल उठने लगे हैं कि यदि ये क्षेत्र नगर निगम में शामिल नहीं किए गए तो फिर यहां पर पानी, सफाई और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कौन करेगा? जिस पर अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। दरअसल जबलपुर छावनी क्षेत्र काफी बड़ा है। इसमें सेना, बंगले, बगीचे, कंपाउंड और अन्य प्रकार की जमीनें शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि साल 1945 में जबलपुर कैंट क्षेत्र में पेंटीनाका से विरमानी पेट्रोल पंप और सदर की सभी गलियों को सिविल एरिया के रूप में अधिसूचित किया गया था। इसके बाद से सिविल एरिया का विस्तार नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के कसौल में भी केवल सिविल एरिया को नगरीय निकाय में शामिल किया गया है। 




  • यह भी पढ़ें 


  • जबलपुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की मनमानी, 34 में से केवल 4 काम कर रहे, कलेक्टर से शिकायत का भी कोई असर नहीं



  • जमीन का मिल जाएगा मालिकाना हक



    बताया जा रहा है कि कैंट क्षेत्र का सिविल एरिया नगर निगम में शामिल होने के बाद यहां पर रहने वालों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। यहां रहने वालों को वैधानिक तौर पर निर्माण की अनुमति भी मिल सकेगी। इससे सिविल एरिया के व्यावसायिक क्षेत्र का तेजी से विकास हो सकेगा। सिविल एरिया में रहने वालों को बैंक से लोन भी मिल सकेगा। इसके साथ ही यहां पर रहने वालों को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। 



    निगम में शामिल हो जाएगा छावनी परिषद का अमला



    नगर निगम में विलय होने के बाद कैंट बोर्ड की कर्मचारियों का क्या होगा? इस पर जानकारों का कहना है कि कैंट बोर्ड के कर्मचारियों को नगर निगम में समाहित कर लिया जाएगा। तर्क यह दिया जा रहा है कि कैंट बोर्ड भले ही केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, लेकिन कर्मचारियों को राज्य सरकार के अनुसार वेतन और भत्ते दिए जाते हैं। 


    Jabalpur News जबलपुर न्यूज़ Jabalpur Cantt Board Municipal Corporation will be merged Confusion over the facilities of military area जबलपुर कैंट बोर्ड नगर निगम में होगा विलय सैन्य क्षेत्र की सुविधाओं पर असमंजस