हरीश दिवेकर, BHOPAL. मध्यप्रदेश कैडर 2002 बैच के आईएएस अफसर बी चंद्रशेखर ने वीआरएस मांगा है। चंद्रशेखर वर्तमान में जबलपुर कमिश्नर के पद पर पदस्थ हैं। वह जल्द से जल्द नौकरी को अलविदा कहना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने तीन माह का नोटिस पीरियड पूरा करने की बजाए तीन माह की सैलरी का चैक भी सरकार को भेज दिया है।
वीआरएस की इतनी जल्दी क्यों?
ताज्जुब की बात ये है कि जितनी जल्दी चंद्रशेखर को वीआरएस लेने की है, उतनी ही जल्दी वीआरएस देने की सरकार को भी दिखाई दे रही है। सूत्रों का कहना है कि वीआरएस का प्रस्ताव आते ही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसे हाथों हाथ मंजूरी देकर भारत सरकार को भेज दिया है।
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पहले भी इसी तरह के प्रस्ताव पर लगी थी मुहर
सूत्रों का कहना है कि केन्द्र को भेजे गए प्रस्ताव में सामान्य प्रशासन विभाग ने अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियम 1958 के नियम 16 (2) के प्रावधानों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए निर्धारित 3 माह के पूर्व नोटिस की शर्त को शिथिल करने की बात कही है। इसके पहले इसी तरह के प्रस्ताव पर डॉ. मनोहर अगनानी को वीआरएस दिया गया है। चंद्रशेखर की अभी 15 साल की सेवा बाकी है, यानी वे सेवा में रहते तो 2038 में रिटायर होते।
क्या चुनाव लड़ सकते हैं चंद्रशेखर?
चंद्रशेखर का अचानक वीआरएस लेना मंत्रालय में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि वह वीआरएस क्यों ले रहे हैं। इस मामले में उनसे बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। वीआरएस लेने की जल्दबाजी और सरकार की वीआरएस मंजूर करने की जल्दबाजी को देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या चंद्रशेखर सियासी मैदान में बल्लेबाजी के लिए उतरने वाले हैं या फिर विदेश में किसी प्रोजेक्ट के लिए जाना चाहते हैं। चंद्रशेखर 6 जिलों में कलेक्टर रहे हैं, ये सभी जिले अलीराजपुर, डिंडोरी, बैतूल, झाबुआ, बालाघाट और रतलाम आदिवासी बाहुल्य हैं।