Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा उजागर होने के बावजूद नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार सुनीता शिजु के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को एक हद के बाद अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश हरगिज नहीं करना चाहिए। जिसके बाद अदालत ने राज्य शासन को 24 घंटे के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित ग्वालियर बेंच में विचाराधीन याचिकाओं को मुख्यपीठ स्थानांतरित करने से भी इनकार कर दिया।
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लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से मांग की गई थी कि समान मुद्दों पर मामले ग्वालियर पीठ में भी लबित हैं, जिन्हें यहां ट्रांसफर करा लिया जाए। उधर याचिकाकर्ता की ओर से आवेदन पेश कर अदालत को यह बताया गया कि मप्र नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार सुनीता शिजु के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग द्वारा लगातार संरक्षण दिया जा रहा है।
निलंबिन के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी बताया गया कि 2021-22 के सत्र में रजिस्ट्रार द्वारा जिन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी वे अपात्र थे। याचिकाकर्ता की आपत्ति और निरीक्षण के बाद उनकी मान्यता भी निरस्त हुई थी। अदालत ने अगस्त 2022 को रजिस्ट्रार को निलंबित करने के आदेश दिए जाने के बाद सुनीता शिजु ने अपने पदनाम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके लिए विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। जिसके बाद अदालत ने कार्रवाई के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टिमेटम दिया।
जबलपुर HC की तल्ख टिप्पणी- एक हद के बाद अधिकारियों को बचाने की कोशिश नहीं करना चाहिए, रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
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Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा उजागर होने के बावजूद नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार सुनीता शिजु के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को एक हद के बाद अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश हरगिज नहीं करना चाहिए। जिसके बाद अदालत ने राज्य शासन को 24 घंटे के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित ग्वालियर बेंच में विचाराधीन याचिकाओं को मुख्यपीठ स्थानांतरित करने से भी इनकार कर दिया।
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से मांग की गई थी कि समान मुद्दों पर मामले ग्वालियर पीठ में भी लबित हैं, जिन्हें यहां ट्रांसफर करा लिया जाए। उधर याचिकाकर्ता की ओर से आवेदन पेश कर अदालत को यह बताया गया कि मप्र नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार सुनीता शिजु के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग द्वारा लगातार संरक्षण दिया जा रहा है।
निलंबिन के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी बताया गया कि 2021-22 के सत्र में रजिस्ट्रार द्वारा जिन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी वे अपात्र थे। याचिकाकर्ता की आपत्ति और निरीक्षण के बाद उनकी मान्यता भी निरस्त हुई थी। अदालत ने अगस्त 2022 को रजिस्ट्रार को निलंबित करने के आदेश दिए जाने के बाद सुनीता शिजु ने अपने पदनाम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके लिए विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। जिसके बाद अदालत ने कार्रवाई के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टिमेटम दिया।