मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर कमिश्नर को तलब किया, डॉ. प्रियदर्शनी तिवारी ने प्रोफेसर के लिए इंटरव्यू ना कराए जाने को चुनौती दी थी

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर कमिश्नर को तलब किया, डॉ. प्रियदर्शनी तिवारी ने प्रोफेसर के लिए इंटरव्यू ना कराए जाने को चुनौती दी थी

Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज में गायनिक डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के पद पर इंटरव्यू नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। अदालत ने कहा कि संभागायुक्त खुद हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें कि दो बार तय होने के बाद भी बिना किसी कारण इंटरव्यू क्यों निरस्त किए गए। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने शासकीय अधिवक्ता को निर्देश दिए कि संभागायुक्त को अगली तारीख 10 जनवरी को सुबह सवा दस बजे हाजिर कराया जाए। 





सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ डॉ प्रियदर्शिनी तिवारी ने याचिका दायर कर साक्षात्कार नहीं कराए जाने को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उक्त डिपार्टमेंट में अप्रैल 2021 में अनारक्षित के लिए प्रोफेसर (सीधी भर्ती) का एक पद बढ़ाया गया। याचिकाकर्ता ने आवेदन किया और 3 नवंबर 2022 को उनका साक्षात्कार निर्धारित किया गया। तय तिथि को साक्षात्कार अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर 10 नवंबर को निर्धारित किया गया। याचिकाकर्ता इंटरव्यू के लिए दिन भर बैठी रहीं लेकिन उनका इंटरव्यू नहीं लिया गया। उन्होंने कारण जानना चाहा तो कारण बताए बिना इंटरव्यू निरस्त कर दिया गया। 







  • यह भी पढ़ें



  • जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा डीपीसी मूल पद नहीं, प्रतिनियुक्ति के लिए सृजित हुआ पद है






  • याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि विभाग की ही एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह ने संभागायुक्त से कहा है कि उक्त पद को आरक्षित श्रेणी का कर दें क्योंकि पूर्व में एसटी का एक पद अनारक्षित किया जा चुका है। आरोप लगाया गया है कि डॉ अर्चना को प्रोफेसर पद पर पदस्थ कराने की मंशा से संभागायुक्त ने याचिकाकर्ता का इंटरव्यू नहीं कराया। 



    High Court News हाईकोर्ट न्यूज Divisional Commissioner should be present in MP High Court gave instructions case of recruitment of Professor in Medical मप्र में संभागायुक्त हाजिर हों हाईकोर्ट ने दिए निर्देश मेडिकल में प्रोफेसर भर्ती का मामला