Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने बिल्डर राजू वर्मा द्वारा खुदको गोली मारकर आत्महत्या करने के मामले में 3 माह बाद भी हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट पेश नहीं होने पर निर्देश दिए हैं। अदालत ने पुलिस मुख्यालय को 1 माह के अंदर रिपोर्ट भेजने कहा है। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने पीएचक्यू के क्यूडी विंग के डायरेक्टर को यह निर्देश दिए हैं।
पत्नी ने लगाई थी याचिका
इस मामले में याचिकाकर्ता झूमा वर्मा ने कहा है कि आत्महत्या के बाद मृतक राजू वर्मा का सुसाइड नोट बरामद हुआ था। जिसमें बलिराम साहा, उनकी पत्नी वंदना अग्रवाल पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का जिक्र था। मामले को 3 माह बीत चुके हैं लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उच्च अधिकारियों को जब अभ्यावेदन दिए गए तो यह कहा गया कि हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट आना बाकी है।
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हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
याचिकाकर्ता झूमा वर्मा का कहना है कि पुलिस लगातार एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रही है। इस मामले में कानून मंत्री तक से शिकायत की जा चुकी है। जिसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
यह है मामला
बता दें कि शहर के जाने माने बिल्डर और शैक्षणिक संस्थान के मालिक राजू वर्मा ने अपने घर पर खुदको गोली मार ली थी। कई दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई थी। इस बीच कुछ दिन बाद उनके दफ्तर से उनके भाई को एक लिफाफा मिला। जिसमें आत्महत्या का कदम उठाने के पीछे की वजह का जिक्र था। जिसके बाद मृतक का परिवार लगातार सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम हैं उन पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। उधर पुलिस हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट लंबित होने का बहाना 3 माह से बना रही है। परिवार को शक है कि पुलिस आरोपियों के दबाव या फिर मिलीभगत के चलते मामला दर्ज करने से बच रही है। जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई की मांग की है।