Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य में हो रही मेडिकल स्पेशलिस्ट की भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत नियुक्ति पत्र जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। हालांकि अपॉइंटमेंट लेटर जारी न करने की शर्त का पालन करते हुए चयन प्रक्रिया संचालन की व्यवस्था दे दी गई है। जस्टिस आनंद पाठक की सिंगलबेंच ने सरकार को ताकीद भी दी है कि अगली सुनवाई तक जवाब पेश नहीं किया जाता तो अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुनवाई होगी। अदालत ने अगली सुनवाई 9 फरवरी को नियत की है।
बता दें कि राज्य सरकार ने जुलाई और अगस्त में प्रदेश भर में चिकित्सा विशेषज्ञों की खाली पड़ी सीटों पर भर्ती के लिए तीन विज्ञापन जारी किए थे। इसमें इंटरव्यू के जरिए पुराने नियम से चयन किया जा रहा था। विज्ञापन जारी होने के कुछ दिन बाद 28 अगस्त 2022 को भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया गया। संशोधित नियम के मुताबिक ये पद प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होने चाहिए। जबलपुर निवासी डॉ जोया खान समेत अलग-अलग जिलों के 14 चिकित्सकों ने यह याचिका दायर कर उक्त विज्ञापन को चुनौती दी थी।
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याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पक्ष रखते हुए अदालत में दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत यदि भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों बदलाव होता है तो भी संशोधित रूल्स के तहत ही नियुक्तियां की जानी चाहिए। यह भी कहा गया कि सरकार एक ओर चयन प्रक्रिया जारी रखे है और दूसरी ओर अदालत में जवाब पेश नहीं कर रही है। ऐसे में यदि नियुक्तियां हो जाती हैं तो याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित होगी।
एसडीएम का पुनर्मतगणना का आदेश निरस्त
हाईकोर्ट ने सिवनी अंतर्गत घंसौर की सलेमा ग्राम पंचायत के सरपंच तेजीलाल कुमरे के पक्ष में राहतकारी निर्णय पारित किया है। जिसके तहत एसडीएम का पुनर्मतगणना का आदेश निरस्त किया गया है। जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की सिंगलबेंच ने अपने आदेश में यह व्यवस्था दी है कि विधिवत वाद प्रश्न निर्धारित कर निर्वाचित सरपंच को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए चुनाव याचिका का निराकरण किया जाए।