Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भूतपूर्व सैनिकों द्वारा आरक्षक भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए आरक्षकों की सभी भर्तियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच में भूतपूर्व सैनिकों की ओर से दायर याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एनपीएस रूपराह ने अदालत में पक्ष रखा। दलील दी गई कि आरक्षक भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए 601 पद आरक्षित थे लेकिन महज 4 भूतपूर्व सैनिकों का ही चयन किया गया जो नियमों का घोर उल्लंघन है। अदालत ने सरकार समेत अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान यह दलील भी दी गई कि नियमानुसार रिक्तियों के 5 गुना उम्मीदवारों को द्वितीय चरण के लिए बुलाया जाना चाहिए था जबकि करीब 600 पदों के लिए मात्र 6 भूतपूर्व सैनिकों को ही द्वितीय चरण के लिए चयनित किया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि भूतपूर्व सैनिकों के पद दूसरे वर्गों को आवंटित नहीं किए जा सकते हैं।
तमाम दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए पुलिस आरक्षक भर्ती के तहत होने वाली तमाम नियुक्तियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन किया है। साथ ही अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को नियत की गई है।