Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मेडिकल पीजी कोर्स में एनआरआई कोटे की सीट में फीस बढ़ोतरी को याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के आयुक्त, मप्र निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के सचिव, प्रवेश एवं फीस निर्धारण समिति के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के चेयरमैन समेत प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है।
राजस्थान के चुरू में रहने वाले डॉ अभिषेक यादव और हरियाणा के गुरूग्राम में रहने वाली डॉ लवीना गोसाई ने याचिका दायर कर बताया कि मप्र निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग ने मेडिकल पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए सामान्य श्रेणी के छात्रों के मुकाबले एनआरआई छात्रों की फीस साढ़े तीन गुना बढ़ा दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि नियमानुसार फीस बढ़ाने या कम करने का अधिकार एएफआरसी का है। उन्होंने बताया कि निजी मेडिकल कॉलेजों ने साजिश कर निजी विश्वविद्याल नियामक आयोग से फीस बढ़वा ली, जो कि अनुचित है।
साल 2021 में एएफआरसी ने तीन गुना फीस बढ़ाई थी, जो अब नियामक आयोग ने साढ़े तीन गुना कर दी है। जिस पर अदालत ने राज्य सरकार समेत अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।