Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक चुनाव याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की। जस्टिस वीरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने दो टूक लहजे में कह दिया कि यदि आप सरकारी नौकरी कर सकते हैं, तो कोर्ट आने में क्या हर्ज है। वैसे भी चुनाव याचिका 4 साल से लंबित है, ऐसे ही लंबी-लंबी तारीख दी जाती रही तो पूरे 5 साल गुजर जाऐंगे और याचिका औचित्यहीन हो जाएगी। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने चुनाव याचिका की तारीख 18 नवंबर से आगे बढ़ाने की मांग को नामंजूर कर दिया।
बता दें कि जबलपुर निवासी कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी ने जबलपुर के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी रोहित सिंह की गैरहाजिरी पर आपत्ति जताई। उन्होंने दलील दी कि पूर्व निर्देश के बावजूद तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी रोहित सिंह का हाजिर न होना अनुचित है। लिहाजा, उचित दिशा-निर्देश दिए जाएं। कोर्ट ने इस आपत्ति को रिकॉर्ड पर लेते हुए अगली तारीख पर बयान दर्ज कराने अनिवार्य रूप से हाजिर होने के निर्देश कलेक्टर रोहित सिंह को दिए हैं।
तबादले का हवाला देकर तारीख आगे बढ़ाने की रखी थी मांग
बता दें कि नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह ने लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक के रूप में तबादले का हवाला देकर चुनाव याचिका की अगली सुनवाई की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। वकील ने दलील दी कि नरसिंहपुर से भोपाल तक घर का सामान शिफ्ट करना है, ऐसे में गवाही के लिए आने में कठिनाई होगी। दूसरी तरफ सुनवाई के दौरान नायब तहसीलदार और तत्कालीन सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रीति नागेश के बयान अदालत में दर्ज हुए। उन्होंने अपनी गवाही में बताया कि तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी रोहित सिंह के निर्देश पर उन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई पंचनामा नहीं बनाया था।
जबलपुर हाईकोर्ट ने नरसिंहपुर कलेक्टर पर की तल्ख टिप्पणी, नौकरी कर सकते हैं तो कोर्ट आने में क्या दिक्कत?
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Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक चुनाव याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की। जस्टिस वीरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने दो टूक लहजे में कह दिया कि यदि आप सरकारी नौकरी कर सकते हैं, तो कोर्ट आने में क्या हर्ज है। वैसे भी चुनाव याचिका 4 साल से लंबित है, ऐसे ही लंबी-लंबी तारीख दी जाती रही तो पूरे 5 साल गुजर जाऐंगे और याचिका औचित्यहीन हो जाएगी। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने चुनाव याचिका की तारीख 18 नवंबर से आगे बढ़ाने की मांग को नामंजूर कर दिया।
बता दें कि जबलपुर निवासी कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी ने जबलपुर के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी रोहित सिंह की गैरहाजिरी पर आपत्ति जताई। उन्होंने दलील दी कि पूर्व निर्देश के बावजूद तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी रोहित सिंह का हाजिर न होना अनुचित है। लिहाजा, उचित दिशा-निर्देश दिए जाएं। कोर्ट ने इस आपत्ति को रिकॉर्ड पर लेते हुए अगली तारीख पर बयान दर्ज कराने अनिवार्य रूप से हाजिर होने के निर्देश कलेक्टर रोहित सिंह को दिए हैं।
तबादले का हवाला देकर तारीख आगे बढ़ाने की रखी थी मांग
बता दें कि नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह ने लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक के रूप में तबादले का हवाला देकर चुनाव याचिका की अगली सुनवाई की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। वकील ने दलील दी कि नरसिंहपुर से भोपाल तक घर का सामान शिफ्ट करना है, ऐसे में गवाही के लिए आने में कठिनाई होगी। दूसरी तरफ सुनवाई के दौरान नायब तहसीलदार और तत्कालीन सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रीति नागेश के बयान अदालत में दर्ज हुए। उन्होंने अपनी गवाही में बताया कि तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी रोहित सिंह के निर्देश पर उन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई पंचनामा नहीं बनाया था।