Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कैंट बोर्ड में होने जा रहे चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी। जिसमें चुनाव के कुछ नियमों को चुनौती दी गई थी। जस्टिस शील नागू और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबलबेंच ने इस मामले में कैंट बोर्ड के अध्यक्ष, सीईओ और अध्यक्ष के नॉमिनी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद नियत की गई है।
बता दें कि 30 अप्रैल को छावनी परिषद जबलपुर के चुनाव होने हैं। वोटर लिस्ट में करीब 25 हजार नाम काट दिए गए हैं। जिनमें से लगभग 4 हजार लोगों ने लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए एप्लीकेशन लगाया है। कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष द्वारका प्रसाद वर्मा ने याचिका दायर कर चुनाव से जुड़े नियम 16(4) को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने बताया कि इस नियम के तहत मतदाता सूची में नाम जोड़ने के आवेदनों पर अध्यक्ष या उनके नॉमिनी को सुनवाई का अधिकार है। दलील दी गई कि यदि आवेदनों पर नॉमिनी सुनवाई करता है तो उसकी अपील पर अध्यक्ष कैसे सुनवाई कर सकता है।
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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने अदालत को बताया कि 13 और 14 मार्च को उक्त आवेदनों पर अध्यक्ष ने ही सुनवाई की है, इसलिए चुनाव पर रोक लगाने की मांग अनुचित है। वहीं याचिकाकर्ता ने रविवार के दिन मतदान कराने के फैसले को भी चुनौती दी। दलील दी गई कि आम चुनाव या विधानसभा चुनाव की तरह कैंट चुनाव भी रविवार की जगह किसी अन्य दिन कराया जाए। मामले पर सुनवाई के बाद अदालत ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।