Jabalpur. हाईकोर्ट ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे उच्च पदस्थ व्यक्तियों के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करना किसी भी जननेता से अपेक्षित नहीं है।
राजनीति में अपराधीकरण को मिलेगा बढ़ावा
अदालत ने कहा कि जमानत दे दिए जाने से राजनीति में अपराधीकरण को बढ़ावा मिल सकता है। कई बार देखा गया है कि अपने समर्थकों का दिल जीतने के लिए नेता परिणाम की चिंता किए बगैर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यह फैशन बनता जा रहा है। अदालत ने कहा कि यदि जमानत दे दी गई तो इससे गलत संदेश जाएगा।
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1 माह बाद अर्जी लगाने की दी स्वतंत्रता
हाईकोर्ट ने राजा पटेरिया को 1 माह बाद जमानत के लिए दोबारा आवेदन पेश करने की स्वतंत्रता भी दी है। पटेरिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने दलील दी कि आवेदक के खिलाफ जो धाराएं लगाई गई हैं, उसमें कोई तथ्य नहीं है। मामला राजनीति से प्रेरित है। पटेरिया ने जो वक्तव्य दिया था, उसी में मंतव्य भी स्पष्ट कर दिया था। उधर शासकीय अधिवक्ता प्रमोद ठाकरे ने जमानत का विरोध करते हुए दलील दी थी कि कई गवाहों ने बताया कि पूर्व मंत्री ने जान-बूझकर अल्पसंख्यकों को भड़काने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था।