जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा अब अधिकारियों पर होगी अवमानना की कार्रवाई, अवैध धर्मस्थलों को हटाने का मामला

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा अब अधिकारियों पर होगी अवमानना की कार्रवाई, अवैध धर्मस्थलों को हटाने का मामला

Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने शहर में सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर अवैध रूप से बने धर्मस्थलों मंदिर-मजार आदि को अब तक न हटाए जाने के रवैए पर शासन के लचर रवैए के खिलाफ नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व में पारित स्पष्ट आदेश के बावजूद ठोस कार्रवाई नदारद है। हर सुनवाई में शासन महज मोहलत मांगता है। अदालत ने साफ कहा कि अब यह सब नहीं चलेगा। यदि लापरवाही पर ठोस अंकुश नहीं लगा तो संबंधित अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को नियत की गई है। 



हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सतीश वर्मा और अमित पटेल ने पक्ष रखा। कोर्ट को अवगत कराया गया कि यह अवमानना याचिका साल 2014 से लंबित है। इसके बावजूद अब तक सड़क किनारे और सरकारी जमीन पर बने कई मंदिर व मजार नहीं हटाए गए हैं। संबंधित अमलों के अधिकारी राजनैतिक दबाव में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। कैंट बोर्ड की ओर से बताया कि छावनी क्षेत्र में बचे हुए धर्मस्थलों को हटाने बार-बार लिखा गया लेकिन जिला प्रशासन ने समय पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल नहीं दिया। 



नामजद दलीलें प्रस्तुत हुईं



याचिकाकर्ता ने बातया कि जबलपुर के ओमती में मशीन वाले बाबा की मजार, मालवीय चौक स्थित जैन स्तंभ, दमोहनाका हनुमान मंदिर, गोकलपुर लंबे समय से यातायात में बाधक बन रहे हैं। धार्मिक स्थलों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि इसे जनहित में गंभीरता से लिया जाना चाहिए। 


Jabalpur News जबलपुर न्यूज Court strict in case of illegal religious places expressed displeasure during hearing warned officials of contempt action अवैध धर्मस्थलों के मामले में अदालत सख्त सुनवाई के दौरान जताई नाराजगी अधिकारियों को अवमानना कार्रवाई की चेतावनी