जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मिलेगा एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट का दर्जा, मेडिकल विवि से जोड़ने शासन को लिखा पत्र

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मिलेगा एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट का दर्जा, मेडिकल विवि से जोड़ने शासन को लिखा पत्र

Jabalpur. जबलपुर में 63 साल पहले स्थापित किए गए नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट के रूप में विस्तार होने जा रहा है। इससे अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसकी कवायद शुरू हो चुकी है। मेडिकल विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदेश शासन को पत्र लिखकर इसे यूनिवर्सिटी से जोड़ने की मांग की है। एमयू एक्ट में प्रावधान है कि यूनिवर्सिटी के पास संवैधानिक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए। इससे मेडिकल अस्पताल को बड़ा फंड मिलने का रास्ता भी खुल जाएगा। 



यूजीसी से मिलता है अनुदान



विशेषज्ञों का मानना है कि मेडिकल कॉलेज के एमयू से जुड़ने पर यूजीसी से बड़ा अनुदान मिलने लगेगा। इसके साथ यूनिवर्सिटी में स्टाफ की कमी दूर होगी। बड़ा फंड मिलने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुपरस्पेशलिटी और एक्सीलेंस स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार होगा। जिससे शहर में एम्स जैसी सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। अभी कॉलेज में सभी विषय से पीजी कोर्स की सुविधा है। इसके साथ ही सुपरस्पेशलिटी कोर्स को विस्तार दिया जा रहा है। 



नेशनल लेवल पर है जाना-पहचाना नाम



मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार एनएससीबी मेडिकल कॉलेज की राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान है। पिछले 6 दशक में यहां से पढ़कर निकले ग्रेजुएट व पीजी डॉक्टरों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कॉलेज का नाम बढ़ाया है। इनमें फैकल्टी जनरल सर्जरी डॉ धनंजय शर्मा 5 इंटरनेशनल विवि की फेलोशिप प्राप्त कर चुके हैं। वे 15 देशों में व्याख्यान देने जाते हैं। न्यूरो सर्जरी में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर वायआर यादव, गायनिक में कॉलेज की सेवानिवृत्त डीन डॉ शशि खरे, ऑर्थोपेडिक सर्जरी में डॉ एचएस वर्मा जैसे विशेषज्ञों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। इसके साथ ही कॉलेज में प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, प्लमोनरी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, पीडियाट्रिक यूरोलॉजी, सर्जरी की सेवाओं में लगातार विस्तार हुआ है। वहीं स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट भी आकार ले रहा है। 




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  • मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अशोक खंडेलवाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज को यूनिवर्सिटभ् को उपलब्ध कराया जाए, इसे लेकर प्रयास शुरू किया गया है। मेडिकल कॉलेज अगर यूनिवर्सिटी को उपलब्ध हो जाता है तो इसका विस्तार एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट के रूप में हो सकेगा। यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा। प्लमोनरी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के डायरेक्टर डॉ जितेंद्र भार्गव ने बताया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज प्रदेश के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में शामिल है। यहां से निकले ग्रेजुएट और पीजी स्टूडेंट ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराकर अलग पहचान बनाई है। कॉलेज का एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट के रूप में विस्तार होता है तो अच्छी पहल होगी। इसका समूचे महाकौशल क्षेत्र को लाभ मिलेगा। 


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