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Jabalpur. जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में हुई कार्यपरिषद की बैठक में 5 नर्सिंग कॉलेजों द्वारा अर्हताएं पूरी न करने के चलते उनकी संबद्धता निरस्त कर दी है। इस फैसले से इन 5 कॉलेजों में पढ़ रहे 200 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। दरअसल इन कॉलेजों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के निरीक्षण दल से निरीक्षण कराने से भी मना कर दिया था। इन कॉलेजों में गिनती के कमरे थे और फैकल्टी का भी अभाव था, उपकरणों की तो बात ही छोड़ दी जाए। इंदौर, ग्वालियर और मंडला के डी श्रेणी के ऐसे 5 कॉलेजों को साल 2020-21 की संबद्धता प्रदान नहीं की गई है।
15 कॉलेजों को दी गई संबद्धता
इधर प्रदेश के 15 ऐसे कॉलेज, जिनके प्रबंधन ने कमियां दूर करने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी संबंधी अर्हताएं पूरी कर ली थीं। उनकी संबद्धता को स्वीकृति दे दी है। इससे इन नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ रहे 800 नर्सिंग स्टूडेंट्स को परीक्षा में बैठने का रास्ता खोल दिया गया है।
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इनकी संबद्धता की गई निरस्त
ईसी बैठक में थ्री एम पैरामेडिकल कॉलेज ग्वालियर, विजयलक्ष्मी कॉलेज ग्वालियर, श्री विनायक नर्सिंग रतला, पार्थिवी कॉलेज ग्वालियर और भारत इंस्टीट्यूट मंडला की संबद्धता निरस्त करने का फैसला लिया गया। इनमें से ग्वालियर के पार्थिवी कॉलेज ने यूनिवर्सिटी के निरीक्षण दल से निरीक्षण ही नहीं कराया था। वहीं अन्य कॉलेजों में भी कई खामियां पाई गई थीं जिन्हें दुरूस्त नहीं किया गया।
आउटसोर्स कंपनी का कार्यकाल बढ़ाने पर मुहर
इधर ईसी बैठक में मेडिकल यूनिवर्सिटी में वर्तमान में आउटसोर्स कंपनी हाईट्स के डेढ़ सौ कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इस कंपनी का सेवाकाल एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव कार्यपरिषद बैठक में रखा गया जिसे स्वीकृति दे दी गई।
बैठक में हुए ये फैसले
- स्नेह कॉलेज भोपाल को पता बदलने की सूचना नहीं देने पर 3 लाख रुपए पैनल्टी लगाने के साथ संबद्धता दी गई।