जबलपुर के BJP नेता बब्बू ने पहले पार्टी से जान का खतरा बताया, फिर बयान से पलटे, कांग्रेस ने DGP से की सुरक्षा देने की मांग

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर के BJP नेता बब्बू ने पहले पार्टी से जान का खतरा बताया, फिर बयान से पलटे, कांग्रेस ने DGP से की सुरक्षा देने की मांग

Jabalpur. जबलपुर में बीजेपी के पूर्व मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू खुदकी जान को खतरा होने का बयान जारी कर शाम को ही बयान से पलट गए। उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि सुबह गुस्से में मैने बयान दे दिया था। उन्होंने अपने बयान पर पार्टी दफ्तर में माफी भी मांग ली। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पर हरवाने का आरोप लगाकर, जान से खतरा होने की बात को बीजेपी ने गंभीरता से लिया और हरेंद्रजीत सिंह बब्बू को नोटिस जारी किया है। जिसका बब्बू को जवाब देना पड़ेगा, माना जा रहा है कि पार्टी उन पर कड़ा एक्शन भी ले ले। इधर कांग्रेस नेता और विधायक तरुण भनोत ने डीजीपी सुधीर सक्सेना को चिट्ठी लिखकर पूर्व मंत्री बब्बू को सुरक्षा दिए जाने की मांग उठा दी है। 





यह बोले तरुण भनोत





तरुण भनोत ने डीजीपी को चिट्ठी लिखी है उसमें पूर्व राज्यमंत्री को जान को खतरा होने की बात को गंभीरता से लेने और अविलंब उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई है। तरुण भनोत ने कहा है कि यह बहुत अफसोसजनक है कि प्रदेश के पूर्व विधायक और पूर्व राज्यमंत्री को अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से जान का खतरा है। जब सत्ताधारी बीजेपी में इस तरह की बातें सामने आ रही हैं तो प्रदेश के आम नागरिकों की सुरक्षा की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 







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  • बब्बू के आरोपों के पीछे की कहानी





    राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि हरेंद्रजीत सिंह बब्बू दो मर्तबा चुनाव हार चुके हैं, ऐसे में इस बार उन्हें टिकट के लाले पड़े हुए हैं। बीजेपी के हल्कों में यह चर्चा आम है कि बब्बू हर बार अकाली दल के सपोर्ट से अपना टिकट ले आते थे, अब अकाली दल एनडीए से अलग हो चुका है, जिस कारण उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर यह आरोप जड़ा और फिर बयान से भी पलट गए। बता दें कि पश्चिम विधानसभा से भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे दावेदारी करते आए हैं, अन्य दावेदार प्रभात साहू अब बीजेपी के नगर अध्यक्ष हैं, पार्टी के नियमों के मुताबिक वे अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में बब्बू ने बड़ी चतुराई से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर यह आरोप जड़ा है। हालांकि बाद में उन्होंने बयान पर अफसोस जताते हुए माफी भी मांग ली। 





    अभी और होगी उठापटक





    माना जा रहा है कि अभी विधानसभा चुनाव में अभी करीब-करीब 5 माह का समय बाकी है, ऐसे में पश्चिम विधानसभा समेत अन्य विधानसभा क्षेत्रों में इस तरह की बयानबाजी देखने को मिल सकती है। देखना यह होगा कि पार्टी के नोटिस पर बब्बू क्या जवाब देते हैं। 





    1998 में पहली बार बने थे विधायक







    हरेंद्रजीत सिंह बब्बू साल 1998 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की कद्दावर नेता जयश्री बनर्जी का टिकट काटकर विधायक उम्मीदवार बने थे। एकाएक एक अजनबी चेहरा चुनाव मैदान में उतरा और जीत भी गया। बताया जाता है कि उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा का वरदहस्त बब्बू को प्राप्त था, वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे ने भी उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगा दी थी। 1998 के बाद हुए हर चुनाव में हरेंद्रजीत सिंह बब्बू की उम्मीदवारी पर बीजेपी के अंदरखाने में विरोध हुआ लेकिन हर बार बब्बू अपनी उम्मीदवारी तय कराते आए हैं। अब जब वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ आग उगल चुके हैं तो ऐसे में माना जा रहा है कि अब हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने अपने रिटायरमेंट पर स्वतः मुहर लगाने का काम कर दिया है। 



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