Damoh. व्यक्ति किसी न किसी अपराध बोध के चलते अपराध करता है और इसके बाद उसे जेल की सलाखों में जाना पड़ता है या गलत संगत में पड़ने के कारण लोग अपराध की दुनिया में चले जाते हैं। लेकिन यदि उन्हें सही मार्गदर्शन जेल में ही मिले तो ऐसे लोग जेल से बाहर आने के बाद एक अच्छा इंसान बनने का प्रयास भी करते हैं । इसी तरह का एक प्रयास जैन साध्वी के द्वारा किया गया उन्होंने जिला जेल पहुंचकर वहां कैदियों को प्रवचन सुनाए। प्रवचन को सुनने के बाद कई लोगों ने मांस और मदिरा व अन्य नशे को छोड़ने का संकल्प लिया।
आचार्य विद्यासागर महाराज की शिष्या आर्यिका रत्न मृदुमति माताजी और निर्णय मति माता ने दमोह की जिला जेल पहुंचकर धर्म देशना प्रदान की। जिसमें जेल के प्रभारी सीएल प्रजापति के साथ जेल के समस्त स्टाफ, बंदी पुरुष एवं महिला बंदीयों की मौजूदगी रही। दोनों ही साध्वियों ने बंदियों को प्रवचन सुनाते हुए कहा कि हो सकता है आप किसी भी कारण से जेल में आ गए हो, लेकिन यहां आने के बाद आपको इस बात का प्रायश्चित भी करना होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि आज आप जेल में है और संकल्प लेना होगा कि जेल से बाहर निकलने के बाद आपको एक अच्छा इंसान बनकर अपनी एक अच्छी छवि लोगों के बीच बनाना है। ताकि जेल में पहुंचने के बाद जो परिवार के ऊपर एक सवालिया निशान लग गया है वह भी दूर हो सके।
उन्होंने महिला बंदियों को भी मंगल देशना में बताया कि यदि किसी भी कारण से आप जेल में बंद हैं तो आप सभी को यही संकल्प लेना होगा कि समाज में एक बार फिर अपनी अच्छी छवि हमें बनाना है। इस दौरान उन्होंने णमोकार मंत्र भी सुनाया जिसे सभी ने मिलकर गाया। इस मौके पर श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ भाई मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष पवन जैन, उपाध्यक्ष विकल्प जैन, विनय जैन, महेंद्र जैन एवं महिला मंडल सदस्यों में दिशा जैन, शांति जैन, मीना जैन आदि की उपस्थिति रही।