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BHOPAL. मध्यप्रदेश में जय युवा आदिवासी संगठन के दोनों गुट एक हो चुके हैं। अभी तक माना जा रहा था कि जयस किसी राजनीतिक दल के साथ हाथ मिलाकर चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगा, लेकिन जयस ने एकजुट होने के बाद साफ कर दिया है कि जयस अपनी एक नई राजनीतिक विंग बनाने जा रहा है। इसके नाम का ऐलान जल्द ही होगा।
जयस के दोनों गुट हुए एक
हाथ मिलने के साथ-साथ दिल भी मिल गए। जय युवा आदिवासी संगठन यानी जयस के दोनों गुट अब एक हो गए हैं। 2018 के चुनाव में जयस गुटों में बंट गई थी क्योंकि जयस के संस्थापक सदस्य हीरालाल अलावा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय बाकी संस्थापक सदस्यों का मानना था कि जयस को राजनीति में नहीं उतरना चाहिए। केवल सामाजिक संगठन के तौर पर काम करना चाहिए और इसके बाद ये खाई गहरी होती गई। सोशल मीडिया पर दोनों गुटों के बीच बेहद खींचतान होने लगी। आदिवासी संगठन में गुटबाजी का फायदा कहीं बाकी राजनीतिक दल ना उठा लें, इसलिए जयस के दोनों गुटों के बीच बैठक हुई और बैठक में सहमति बन गई कि जयस अपनी राजनीतिक विंग के साथ अब राजनीति में उतरेगा।
किसे होगा राजनीतिक विंग बनाने का फायदा
जयस के राजनीतिक विंग बनाने का सबसे बड़ा फायदा डॉ. हीरालाल अलावा को ही होगा क्योंकि अलावा ने चुनाव लड़ने के लिए यूथ विंग तैयार कर ली थी। इधर हीरालाल अलावा ने इंटरव्यू में कहा कि जयस के एकजुट होने के बाद आदिवासी हितों की आवाज को मुखर तरीके से उठाया जा सकेगा।
वीडियो देखने के लिए क्लिक करें.. दूर हुए गिले-शिकवे, एक हुए जयस के दोनों गुट
क्या मध्यप्रदेश में तीसरी ताकत बन पाएगा जयस
अब मध्यप्रदेश में जयस ने राजनीतिक विंग बनाने का ऐलान कर दिया है कि अब जयस न तो कांग्रेस के साथ जाएगा न ही बीजेपी के साथ तो क्या जयस मध्यप्रदेश में तीसरी ताकत बन पाएगा। इसका जवाब जल्द ही मिलेगा।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के हाल
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव को अब ठीक 6 महीने बचे हैं और 6 महीने पहले नेताओं की छटपटाहट अब खुलकर सामने आने लगी है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी का आदिवासी चेहरा माने जाने वाले नंदकुमार साय ने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली और इधर मध्यप्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने भी पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए हैं। जय युवा आदिवासी संगठन यानी जयस के दोनों गुट एक हो चुके हैं।