भोपाल. मध्यप्रदेश में उपचुनाव (By Election) की सियासी बिसात बिछ चुकी है। प्रदेश में 3 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इस उपचुनाव में जय युवा आदिवासी संगठन (Jay Adiwasi Yuva Shakti) बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकता है। इस कारण सरकार ने आदिवासियों को साधने के लिए झाबुआ में 5 अक्टूबर को आदिवासी महाकुंभ (Adiwasi Mahakumbh) का आयोजन किया है। वहीं, 5 अक्टूबर को ही जयस की बड़ी मीटिंग है। इस मीटिंग में फैसला होगा कि जयस कांग्रेस (Congress) को समर्थन देगा या फिर अपने उम्मीदवार उतारेगा।
95 सीटों पर आदिवासी निर्णायक भूमिका में
मध्यप्रदेश में चार सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें खंडवा लोकसभा (Khandwa Lok Sabha) के अलावा जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा के लिए उपचुनाव है। खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 6 लाख से ज्यादा आदिवासी वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। मध्यप्रदेश में वैसे तो आदिवासियों की आबादी 22% है और ये विधानसभा की 95 सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
मुश्किल खड़ी कर सकता है जयस
जोबट सीट पर आदिवासियों की संख्या 97% है। खंडवा लोकसभा की पंधाना, बागली, भीकनगांव और नेपानगर सीट आदिवासी बाहुल्य है। यही वजह है कि अगर जयस (JAYS) संगठन उपचुनाव में उतरने का फैसला करता है, तो यह BJP और कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।