देव श्रीमाली, GWALIOR. A++ का दर्जा प्राप्त कर मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ की पहली यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने वाली ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी सेंट्रल जेल के कैदियों के लिए अनूठी कक्षाएं शुरू करने जा रही है। इसे नाम दिया गया है "बंदी से बंधु" नाम दिया गया है। इसके तहत सेंट्रल जेल के अंदर ही कैदी निशुल्क साइबर, लॉ, योगा,फोरेंसिक साइंस जैसे 14 डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकेंगे। पाठशाला का उद्देश्य जेल से बाहर आने के बाद बंदी को बंधु के नाम से जाना जाए और उसे रोजगार के अवसर मिले।
यह है जेल में पढ़ाने की नई योजना
नैक से A++ की ग्रेड पाने वाली ग्वालियर अंचल की जीवाजी यूनिवर्सिटी ने ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के लिए नई पहल करते हुए जेल में बंदियों को पढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर जेल विभाग को भेजा था। जेल विभाग से अनुमति मिलने के बाद नए शिक्षा सत्र ( इसी साल) यूनिवर्सिटी कैदी बंधुओं के लिए पाठशाला सेंट्रल जेल में शुरू करने जा रही है। इसे नाम दिया गया है "बंदी से बंधू" बंदियों की पाठशाला। इसमें 7 डिप्लोमा और 7 सर्टिफिकेट कोर्स बंदियों को निशुल्क करवाए जाएंगे। सभी कोर्स स्किलमेंट से जुड़े होंगे। जेल में बंदियों को स्किल लागू करने के पीछे यूनिवर्सिटी की सोच है कि बंदी जेल से जब बाहर आए तो समाज की मुख्यधारा से जुड़े और अपराध की दुनिया से तौबा कर ले।
मई में शुरू हो जाएंगी क्लासेस
कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी के अनुसार जीवाजी यूनिवर्सिटी के दूरस्थ शिक्षण संस्थान विभाग ने ग्वालियर सेंट्रल जेल पाठशाला शुरू करने के लिए उन बंधुओं की सूची मांगी है, जो बंदी से बंधु योजना में शिक्षा लेना चाहते हैं। यूनिवर्सिटी ने अपनी और से सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मई के पहले हफ्ते से कैदियों की पाठशाला शुरू हो सकती है।
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यह कोर्स शुरू किए जाने की योजना
विवि के पीआरओ विमलेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशंस, पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजिकल काउंसलिंग, पीजी डिप्लोमा इन योगा एजुकेशन, पीजी डिप्लोमा इन एचआरडी, पीजी डिप्लोमा इन ड्राइंग एड पेंटिंग, पीजी डिप्लोमा इन साइबर लॉ, पीजी डिप्लोमा इन फोरेंसिक साइंस जैसे डिप्लोमा कोर्स कराए जाएंगे। इसके अलावा सर्टिफिकेट कोर्स औषधीय एवं सुमधीय पौधों की खेती, फैशन डिजाइनिंग, ग्रामीण पत्रकारिता एवं जनसंचार, गुड्स एवं सर्विस टैक्स, वैदिक गणित और फलित ज्योतिष के कोर्स कराए जाएंगे।