BHOPAL. अग्निवीर की तर्ज पर जल्द ही मप्र में जंगल वीरों की भर्ती होगी। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार जंगल में बाघों की सुरक्षा के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। मप्र वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड से अलग एक नया कैडर बनाएगा। इस प्रस्ताव के मुताबिक योजना में उनका चयन होगा जो मप्र के नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी व उनके आसपास के इलाकों में रहते हैं और जो लंबे-चौड़े कद काठी के होंगे। वहीं इस योजना में 18 से 21 की उम्र के युवाओं का चयन किया जाएगा। चयन के बाद युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद इन युवाओं को जंगल वीर के नाम से जाना जाएगा।
कितने जंगलवीरों की होगी भर्ती
इस योजना के तहत हर साल करीब 700 से 1000 युवाओं की भर्तियां होगी। इनको वेतन के रूप में करीब 25 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा, जो फिक्स होगा। पांच साल बाद इनमें से 25 से 50 फीसदी बाघ रक्षकों को स्थाई फॉरेस्ट गार्ड बनाया जा सकेगा। शिवराज सिंह चौहान की सरकार इस योजना की घोषणा विधानसभा चुनाव से पहले कर सकती है। इस भर्ती के लिए शारीरिक मापदंड और व्यवहारिक समझ को अधिक महत्व दिया जाएगा। इस पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास होगी।
3,795 वन रक्षक का पद खाली
मप्र वन विभाग में वन रक्षकों के कुल 20 हजार 670 पद हैं। अभी 16 हजार 875 वन रक्षक के पद भरे हुए हैं, वहीं 3 हजार 795 पद खाली हैं। वन रक्षकों के लिए कर्मचारी चयन मंडल से परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा में शहरी क्षेत्र के युवाओं का बोलबाला है। ये छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले होते हैं। दूसरी नौकरी मिलते ही वो वन रक्षक की नौकरी छोड़कर चले जाते हैं। इसके बाद वन रक्षक के पद खाली ही रह जाते हैं।
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ये प्रस्ताव हैं लंबित
प्रदेश में आठ बड़े नेशनल पार्क और दो बड़ी अभ्यारण्य हैं। इनमें कान्हां, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय डुबरी नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व हैं, जबकि माधव नेशनल पार्क, नौरादेही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और रातापानी सेंचुरी में बाघों की तादाद अधिक है। तीनों को ही टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव केंद्र और राज्य सकार के पास लंबित है।