BHOPAL. अभी तक तो दिल है कि मानता नहीं था, अब मौसम है कि मानता नहीं हो गया है। दिन में छिटकी धूप शाम को कब बादल बनकर बरस पड़े, पता ही नहीं चलता। उत्तर से लेकर दक्षिण तक फिजा बदली हुई है। संसद में हंगामा बरपा हुआ है। तू मेरी बजा, मैं तेरी बजाऊं का दौर चल रहा है। बीजेपी चाहती है कि राहुल गांधी लंदन में दिए बयान पर माफी मांगें, क्योंकि उन्होंने देश का अपमान किया है। विपक्षी दल सरकार (पीएम) से अडाणी मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। दोनों को मुंहमांगी चीजें नहीं मिल रहीं। हंगामा होना तो लाजिमी है। शायद इसे ही सत्र कहते हैं। इधर, मध्यप्रदेश में भी विधानसभा सत्र चल रहा है। पहले कांग्रेस के एक तेजतर्रार विधायक को पूरे सत्र से निलंबित करने पर हंगामा हुआ। इसके लिए स्पीकर पर आरोप लगे। फिर महू में एक घटना हो गई। विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया, पर 'सरकार' आसानी से कहां घिरती है। विपक्ष की एक विधायक रो पड़ीं। प्रदेश के गृह मंत्री ने इसे नौटंकी करार दिया। राष्ट्रीय और प्रादेशिक दोनों स्तर पर चुनावी बयार बहना शुरू हो गई है। ये बयार किसे चुभेगी और किसे लुभाएगी, इसमें तो अभी वक्त है। ऐसे में कई खबरें पकीं, कई खुशबू बिखेरकर चली गईं, आप तो सीधे नीचे उतर आइए...
टीआरपी के लिए कुछ भी करेगा
राजनीति भी बड़ी चीज है भाई, इसमें छाए रहना है तो विजुअल मीडिया की नौटंकी की डिमांड को पूरा करना होगा। हमारे बड़े नेता ये समझ चुके हैं। अब देखिए न, टीआरपी के गणित में पास होने के लिए मामा, भाईसाहब और महाराज में कॉम्पटीशन शुरू हो गया है। नंबर वन पर तो मामा ही चल रहे हैं, जहां लोगों की सोच खत्म होती है वहां से मामा सोचते हैं, भला किसी ने सोचा था कि हेलीकॉप्टर से कोई कुदाली कंधे पर लेकर उतरते हुए अपने वीडियो और फोटो वायरल करवा सकता है। भाई साहब भी इस दौड़ में शामिल होने की भरपूर कोशिश में बाइक ओर बैलगाड़ी की सवारी कर रहे हैं, लेकिन भाई साहब को समझना होगा कि उनका कॉम्पटीटर मामा है, बाइक-बैलगाड़ी पुराना और घिसा-पिटा आइडिया है। कुछ नया सोचो भाई साहब। महाराज की बात करें तो टीआरपी के लिए 2 कदम आगे तो 2 कदम पीछे वाली कहावत उनके साथ हो रही है। ग्वालियर में सफाईकर्मियों के पांव छूकर टीआरपी तो बटोरी, लेकिन बड़े स्तर पर निंदा भी मिली। वोट बैंक के लिए महाराज से जनसेवक बनने की टीआरपी के लिए ऐसा भी कर गुजरेंगे किसी ने सोचा ना था। उसके बाद से महाराज नया फंडा ढूंढ रहे हैं, जिससे टीआरपी भी बढ़ जाए और महाराज का रुतबा भी कम ना हो।
क्या बागी हो रहे इंदौरी भिया
कमलनाथ के सख्त रवैए से बड़े-बड़े नेता ठंडे हो गए। सभी को समझ में आ गया कि प्रदेश में राजनीति करना है तो साहब की लाइन को क्रॉस नहीं कर सकते, लेकिन इंदौरी भिया के सलाहकार उन्हें इस बात को समझने नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि भिया इन दिनों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। सलाहकारों ने भिया को इतना चढ़ा दिया है कि वे अपने ही मुखिया को कई बार इशारों ही इशारों में चुनौती तक दे डालते हैं। हाल ही में मामा के कसीदे पढ़ने के बाद से भिया को समझने वाले भी कन्फ्यूजन में आ गए हैं। उनके इन तेवरों को देखकर अब कांग्रेसी कार्यकर्ता भी बोलने लगे हैं कि क्या भिया बागी हो रहे हैं।
इतना कन्फ्यूजन क्यों है भाई
स्टेट फॉरवर्ड खेलने वाली बीजेपी इन दिनों कन्फ्यूजन पार्टी-सी नजर आ रही है। कार्यकर्ताओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि एक लाइन के आदेश पर बिना सोचे पालन करने वाली पार्टी कोई निर्णय नहीं ले पा रही है। कोर ग्रुप की बैठक के बाद तय होता है कि 1-2 दिन में प्राधिकरणों की नियुक्ति हो जाएगी, लेकिन कहीं कोई हलचल नहीं। इसी तरह से दिसंबर से मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट भोपाल से दिल्ली तक होने के बावजूद कोई पानी में कोई हलचल नहीं दिख रही। इतना ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन उनके एक्सटेंशन का अधिकृत आदेश तक जारी नहीं हुआ। नतीजनत पार्टी के असंतुष्ट नेता दुष्प्रचार कर सीएम और अध्यक्ष के चेहरे को बदलने के लिए गाहे-बगाहे अफवाहों का बाजार गर्म करते रहते हैं।
कन्या राशि के आईएएस का महिला प्रेम
मंत्रालय में कन्या राशि के आईएएस का महिला प्रेम चर्चा में है। मजे की बात ये है कि साहब का झुकाव वृश्चिक राशि की महिलाओं पर ज्यादा रहता है। हाल ही में साहब जिन 2 युवतियों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं वह भी वृश्चिक राशि की हैं। अब साहब के दफ्तर के लोग भी मजे लेने लगे हैं कि हमारे साहब की राशि ही कन्या है तो वे कन्याओं से कैसे दूर रह सकते हैं। आप साहब का नाम जानने के लिए उत्सुक हैं तो वल्लभ भवन की एनेक्सी-3 घूम आइए।
बड़े साहब क्लीन कर रहे दफ्तर
बड़े साहब अब अपने दफ्तर को क्लीन करने में लग गए हैं। खबरीलाल बता रहे हैं कि तकरीबन 2 दर्जन विभागों की सालों से पेडिंग फाइलों को वापस लौटाया गया है। वहीं कई दस्तावेज जलवाए जा रहे हैं। साहब के ऑपरेशन क्लीन के मायने क्या हैं ये तो साहब ही जानते हैं, लेकिन अचानक साहब के दफ्तर को क्लीन करने की मुहिम जरूर चर्चा में बनी हुई है। इसे आप उनके एक्सटेंशन से जोड़कर ना देखें। जब तक मामा हैं तब तक साहब का एक्सटेंशन कोई नहीं रोक सकता।
डेढ़ साल बाद भी अधूरी लिस्ट
एसपी बनने के लिए कमर कसकर तैयार बैठे आईपीएस अफसरों के लिए तबादला सूची खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली साबित हुई। डेढ़ साल से आईपीएस अफसरों के तबादले नहीं हुए हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि भारी-भरकम सूची जारी होगी। गुरुवार को तबादला आदेश होने की जानकारी मिलने के बाद संभावित दावेदार आईपीएस सक्रिय हुए, लेकिन 13 सीनियर अफसरों के ही तबादले आदेश जारी हुए। इसमें भी भोपाल-इंदौर पुलिस कमिश्नर की कुर्सी एक-दूसरे में एक्सचेंज हुई। अब फिर नई सूची आने का शुरू हो गया इंतजार।
केक लेकर घूम रहे हैं नेताजी
विंध्य के एक कद्दावर नेताजी आजकल केक लेकर घूम रहे हैं। नेताजी पता लगाते रहते हैं कि उनके कार्यकर्ता का जन्मदिन कब है, जानकारी मिलते ही केक लेकर पहुंच जाते हैं। दरअसल, नेताजी की अकड़ के चलते उनसे कार्यकर्ता दूर हो गए थे, लगातार हार के बाद नेताजी को अक्ल आ गई है। चुनाव से 7 महीने पहले अपनों को मनाने के लिए नेताजी नए-नए फंडे अपना रहे हैं, इनमें केक वाला फंडा भी शामिल है। बहरहाल, समय बताएगा कि नेताजी का केक कितनी नाराजगी दूर कर पाएगा।