BHOPAL. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का मध्य प्रदेश ही नहीं, दिल्ली की राजनीति में अपना एक कद है। अब उनका बेटा भी सक्रिय रहने लगा है। 4 फरवरी को ज्योतिरादित्य के बेटे के गुना-शिवपुरी में कार्यक्रम था। इसको लेकर तमाम मीडिया हाउस में एड दिए गए। इसमें नाम महानआर्यमन लिखा गया। इससे एक बहस शुरू हो गई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे नाम महानआर्यमन है या महाआर्यमन।
अभी तक तमाम मीडिया हाउस, यहां तक कि कई लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे को महाआर्यमन के नाम से ही जानते हैं। विज्ञापन दिए जाने के बाद तमाम लोग सिंधिया के बेटे का सही नाम पता करने में जुट गए। इंटरनेट पर भी काफी सर्च किया गया। इंटरनेट पर दोनों ही नाम मिले- महानआर्यमन और महाआर्यमन। इसके बाद सिंधिया के ओएसडी ने कन्फर्म किया कि उनके बेटे का सही नाम महानआर्यमन ही है। इसके लिए द सूत्र ने ग्वालियर के सीनियर जर्नलिस्ट डॉ. केशव पांडे से बात की। डॉ. पांडे के मुताबिक, सिंधिया के बेटे का सही नाम महानआर्यमन ही है। डॉ. पांडे सालों से सिंधिया की राजनीति पर नजर रख रहे हैं, परिवार से जुड़े हुए भी हैं।
महानआर्यमन का सोशल मीडिया स्टेटस
हमने जब सर्च किया तो महानआर्यमन का ट्विटर अकाउंट वैरिफाइड नहीं है और वह महाआर्यमन के नाम से ही है। इसमें उनकी डेट ऑफ बर्थ 1 नवंबर 1995 लिखी है। यहां उनके 8 फॉलोअर्स हैं।
फेसबुक की बात करें तो उनके 2.8K फ्रेंड्स हैं, लेकिन यहां भी अकाउंट महाआर्यमन के नाम से है।
जब हमने इंस्टाग्राम अकाउंट चैक किया तो यहां उनका नाम महानआर्यमन मिलता है। यहां उनके 56 हजार 900 फॉलोअर्स हैं।
सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी महाआर्यमन
महाआर्यमन सिंधिया कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इकलौती बेटे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक बेटे और एक बेटी है। बेटे का नाम महाआर्यमन सिंधिया है और बेटी का नाम अन्नया राजे सिंधिया है। महाआर्यमन सिंधिया, सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी है जो सियासत में कदम रखने को तैयार है। महाआर्यमन सिंधिया अपने पिता ज्योतिरादित्य को बाबा महाराज और मां को अम्मा महारानी कहते हैं। महाआर्यमन सिंधिया का जन्म 17 नबंवर 1995 को हुआ है। महाआर्यमन सिंधिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह दून स्कूल से की है। महाआर्यमन सिंधिया अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की है। महाआर्यमन सिंधिया अपने पिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। महाआर्यमन सिंधिया अपनी मां प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ अक्सर सार्वजानिक मंचों पर नजर आते हैं। वो कई बार मां के साथ सार्वजानिक मंचों से कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं।
400 कमरों के महल में रहते हैं महाआर्यमन सिंधिया
महाआर्यमन सिंधिया 1874 में यूरोपियन शैली में बने महल जयविलास पैलेस में रहते हैं। बताया जाता है कि इस शाही महल में कुल 400 कमरे हैं और महल की छतों पर सोना लगा है। इसके 40 कमरों में अब म्यूजियम है। इस पैलेस में रायल दरबार हॉल है। यह हॉल 100 फीट लंबा, 50 फीट चौड़ा और 41 फीट ऊंचा है। महाआर्यमन सिंधिया जब ग्वालियर आते हैं तो यहीं रहते हैं।
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ग्वालियर आने पर लोगों के बीच बिताते हैं वक्त
महाआर्यमन सिंधिया जब भी ग्वालियर आते हैं लोगों के बीच पहुंचते हैं। महाआर्यमन सिंधिया को ग्वालियर के लोग युवराज कहकर संबोधित करते हैं। महाआर्यन सिंधिया हमेशा बिना किसी लाव लश्कर के आम जनता से मिलते हैं और लोगों की समस्याएं भी सुनते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह की महाआर्यमन सिंधिया भी परिवारिक परंपराओं का निर्वहन करते हैं। वो लोगों से सादगी भरे अंदाज में मिलते हैं।
पिता के लिए करते हैं प्रचार
महाआर्यमन सिंधिया पिता के संसदीय क्षेत्र का दौरा करते थे। कई कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। महाआर्यमन सिंधिया से मिलने वालों की भीड़ जमा होती है। वे उनसे मुलाकात करते हैें। महाआर्यमन सिंधिया अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह युवाओं के संवाद भी करते हैं। गुना और बमोरी में कई कार्यक्रमों में उन्होंने युवाओं के साथ संवाद भी किया था। महाआर्यमन वृद्धाश्रम पहुंचकर वृद्धजनों से भी चर्चा करते हैं।
महा आर्यमन सिंधिया का ग्वालियर में स्वागत
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया 4 फरवरी (शनिवार) को गुना पहुंचे। उन्होंने फतेहगढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की स्मृति में 2 दिवसीय खेल महोत्सव की शुरुआत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाआर्यमन ने सबसे पहले दर्शकों से उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि मैं भी आप सबसे मिलने के लिए काफी उत्साहित था। ये कार्यक्रम कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। मैं आप सबसे मिलने, बातचीत करने और आपको समझने आया हूं। हम क्रिकेट और खेल का प्रस्ताव आगे बढ़ाने के लिए आए हैं। यहां आने के लिए आप सबको बहुत धन्यवाद देना चाहूंगा। इस अवसर पर उनके साथ पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया भी थे।
युवराज ने खेल प्रतियोगिताओं का किया शुभारंभ
सिंधिया के स्वागत को लेकर पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया के नेतृत्व में गुना से लेकर बमौरी फतेहगढ़ तक ऐतिहासिक तैयारियां की गई थी। उन्होंने हनुमान टेकरी पर दर्शन किए। शिवाजी नगर मुहाल कॉलोनी में शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यर्पण किया और फतेहगढ़ पहुंचे। यहां कन्या पूजन के साथ कई खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। युवराज ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुंबई के कलाकारों ने ड्रोन शो ने प्रस्तुति दी। इसके बाद रंगारंग कार्यक्रम और कम्प्यूटराइज अतिशबाजी हुई।