BHOPAL: भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल का पांचवां संस्करण राजधानी के श्यामला हिल्स पर स्थित भारत भवन में जारी है। इस तीन दिवसीय फेस्टिवल के दूसरे दिन यानि शनिवार को अंतरंग सभागार में दिग्गज अभिनेता और लेखक कबीर बेदी ने अपनी चर्चित पुस्तक/ संस्मरण ‘स्टोरीज आई मस्ट टेल: द इमोशनल लाइफ ऑफ एन एक्टर’ के हिंदी अनुवाद 'कही अनकही: एक अभिनेता की जज़्बाती ज़िन्दगी' का लोकार्पण किया।
इवेंट में BLF के डायरेक्टर राघव चंद्रा के साथ हुई बातचीत के दौरान बेदी ने बताया, ‘मैंने किताब में जो कुछ भी लिखा है, वह पूरे दिल से लिखा है। मैंने अपने जीवन के सभी उतार -चढ़ावों के बारे में विस्तार से बात की है। कबीर बेदी ने सेशन में बताया कि इस किताब में उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई खुलासे किये है। फिर चाहे वो अदाकारा परवीन बाबी के साथ उनके रिश्ते हों, पहली पत्नी और एक क्लासिकल डांसर प्रोतिमा बेदी के बारे। सबसे मार्मिक किस्सा बेटे सिद्धार्थ बेदी की सिज़ोफ्रेनिया नामक बीमारी से लड़ाई की है। बता दें कि सिद्धार्थ बेदी ने 1997 में आत्महत्या कर ली थी। किताब में कबीर बेदी ने अपने प्रोफेशनल लाइफ के बारे में भी बताया कि कैसे द बीटल्स नामक मशहूर अन्ग्रेज़ी रॉक बैन्ड से किये गए इंटरव्यू के बाद उनका करियर उन्हें भारत से बाहर ले गया जहाँ उन्होंने कई बेहतरीन इटालियन और हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया।
'मानसिक स्वास्थ्य से जुडी असंवेदनशीलता को दूर करें , इसे गाली की तरह न देखें'
बाद में द सूत्र के साथ हुई खास बातचीत में कबीर बेदी ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आज के दौर में हर किसी को अपने मानसिक स्वास्थ्य का बेहद ध्यान रखना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य से जुडी इंसेंसिटिविटी/असंवेदनशीलता को दूर करने की जरुरत है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी प्रॉब्लम्स को एक गाली की तरह देखा जाता है। मानसिक स्वास्थ्य प्रॉब्लम्स से जूझ रहे लोगों को सीधे-सीधे पागल करार दें दिया जाता है...जो ठीक नहीं है। लेकिन सबसे ज्यादा जरुरत है ऐसे मरीजों के परिवारों के साथ ज्यादा सहानभूति दिखाने की। उनको सोसाइटी से पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए क्यूँकि मानसिक स्वास्थ्य प्रॉब्लम्स का समाधान है।
'एक्टर बनना है तो स्ट्रांग बने और ज़िन्दगी को लेकर पॉजिटिव रहे'
कबीर बेदी ने अभिनेता/अभिनेत्री बनने की चाहत रखने वाले युवाओं को किसी भी तरह की नकारात्मकता से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच रखने वालो से ज्यादा मिले क्यूँकि जो भी क्रिएटिव चीज़े आती हैं तो वो पॉसिटिविटी से ही आती है...नकारात्मकता कमज़ोर इंसान में होती है...इसलिए स्ट्रांग बने और ज़िन्दगी को लेकर पॉजिटिव रहे।
'द सूत्र एक खूबसूरत नाम'
द सूत्र के साथ बात करते हुए कबीर बेदी ने चैनल के नाम की तारीफ करते हुए कहा कि द सूत्र एक खूबसूरत नाम है...क्यूँकि ये नाम कहीं न कहीं महात्मा बुद्ध से प्रेरणा लेता हुआ दिखता है....दरअसल, गौतम बुद्ध ने अपनी टीचिंग्स चार सूत्रों के जरिये ही दी है जिन्हें 'चार आर्य सत्य ' के नाम से जाना जाता है।