मध्यप्रदेश के आदिवासी नेताओं को कमलनाथ ने दिए सियासी टिप्स- शादी में न सही, गमी में जरुर जाओ

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मध्यप्रदेश के आदिवासी नेताओं को कमलनाथ ने दिए सियासी टिप्स- शादी में न सही, गमी में जरुर जाओ

अंकुश मौर्य, BHOPAL. आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए दोनों ही प्रमुख दल आदिवासियों को मनाने में जुटे हैं। अनुसूचित जनजाति की रिजर्व 47 सीटों के साथ प्रदेश कुल 120 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोट निर्णायक भूमिका निभाता है। 18 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस को 218 में आदिवासी बाहुल्य सीटों का ही साथ मिला था और 15 महीने की कमलनाथ सरकार बनी थी। 2023 में भी कांग्रेस आदिवासी बाहुल्य सीटों पर जीत दर्ज कर परचम लहराना चाहती है। लिहाजा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आदिवासी कांग्रेस को सियासी टिप्स दिए हैं। उन्हें 7 महीने की कार्ययोजना बनाकर काम करने की हिदायत दी है। 





कमलनाथ ने मांगी प्रोग्रेस रिपोर्ट





मंगलवार को पीसीसी में आयोजित आदिवासी कांग्रेस की बैठक में समाज के मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और जिला पंचायत अध्यक्षों को बुलाया गया था। बैठक में कमलनाथ ने आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम से पिछली बैठक में तय हुए बिंदुओं पर प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। ओमकार सिहं ने बताया कि 21 जिलों में जिलाध्यक्ष बना दिए गए है। साथ ही दूसरे जिलों में समन्वय के साथ जल्द ही संगठन विस्तार करने का दावा किया। मरकाम को अन्य जिलों में आदिवासी कांग्रेस का संगठन बनाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। 





पेसा एक्ट और लटेरी कांड पर चर्चा





आदिवासियों को अपने पाले में लाने के लिए शिवराज सरकार ने पेसा एक्ट का बड़ा दांव चला है। लिहाजा अब कांग्रेस का फोकस इसका तोड़ निकालने में है। यहीं वजह हैं कि बैठक में कमलनाथ ने कहा कि पेसा एक्ट में नियम बना दिए गए है। लेकिन जमीन पर उनका क्रियान्वयन नहीं होता। आदिवासियों को जाकर समझाएं कि नियम बनाने से कुछ नहीं होता, जब प्रशासन ही उन नियमों को न माने। वहीं मरकाम ने लटेरी कांड को मुद्दा बनाने पर जोर दिया। 





जयस और अन्य संगठनों को ऐसे साधेगी कांग्रेस





प्रदेश में वर्तमान में सबसे ज्यादा सक्रीय बने हुए आदिवासी संगठनों ने दोनों ही दलों की धड़कने बढ़ा रखी है। ऐसे में कांग्रेस नई रणनीति पर काम कर रही है। 2018 में कांग्रेस अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व जिन सीटों पर हारी थी। उन सीटों पर जयस और अन्य आदिवासी संगठन के नेताओं को टिकट देने की तैयारी कर रही है।





मरकाम ने भव्य चैंबर मांगा, कमलनाथ ने कहा फील्ड में जाओ





बैठक में ओमकार मरकाम ने आदिवासी कांग्रेस के लिए पीसीसी में भव्य दफ्तर की मांग कर दी। जिस पर कमलनाथ ने कहा कि भोपाल से बैठकर चुनाव नहीं जीता जा सकता है। चुनाव जीतने के लिए फील्ड में जाना होगा। मरकाम को हिदायत देते हुए कमलनाथ ने कहा कि आखिरी सात महीने की कार्ययोजना बनाकर काम करों, डायरी मेंटेन करों। साथ ही अगली बैठक से पहले एजेंडा तय करने को भी कहा। 





मार्को की सलाह पर बनेगी कमेटी





बैठक में कमलनाथ ने आदिवासी नेताओं से सुझाव मांगे। जिस पर विधायक फुंदेलाल मार्को ने कहा कि प्रदेश स्तर पर बड़े नेताओं की समिति बनाई जाए जो जिलों में जाकर समन्वय बनाए। कमलनाथ ने समिति बनाने पर सहमति जता दी। साथ ही आदिवासी नेताओं को सामान्य वर्ग से भी समन्वय बनाकर काम करने की सलाह दी। 





पैसा लेकर टिकट दिलाने आते हैं लोग





आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि रिजर्व सीटों पर सामान्य वर्ग के नेता टिकट दिलाने के नाम पर वसूली कर रहे है। भोले-भाले आदिवासी नेताओं से 10-10 लाख रुपए लेकर उन्हें टिकट दिलाने के लिए भोपाल लाते है। 10 में से एक को टिकट मिलता है, ऐसे में 9 बागी खड़े हो जाते है। मरकाम ने मांग की, कि सामान्य वर्ग के नेताओं की सलाह पर रिजर्व सीटों पर टिकट न बांटे जाए। 





पूर्व मंत्री बोली- लोकतंत्र को शराब समझ लिया है





आदिवासी कांग्रेस की बैठक में पूर्व मंत्री कौशल्या गोठिया ने शराबखोरी का बड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी शराब की दम पर चुनाव लड़ती है। हर बूथ पर 5-5 लाख रुपए की शराब बांटी जाती है। गोठिया ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है, लेकिन आदिवासी इलाकों में इसे शराब उत्सव समझ लिया है। यहीं वजह हैं कि बीजेपी को फायदा मिल रहा है। आदिवासी इलाकों में शराब की दुकानें खोल दी गई है। जिसके कारण आदिवासी महिलाओं का जीवन नर्क बन गया है। आदिवासी महिलाएं कमाती हैं और उनके पति शराब में पैसा उड़ा देते है। गोठिया ने कहा कि कांग्रेस को आदिवासी महिलाओं के साथ खड़ा होना होगा। 





सेवादल को 50 बूथ की जिम्मेदारी





मंगलवार को सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष योगेश यादव ने पदभार ग्रहण किया। योगेश यादव ने चुनाव में पर्ची बांटने की जिम्मेदारी मांगी। साथ ही हर विधानसभा में सेवा दल का कैंप लगाने की अनुमति मांगी। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हारी हुई सीटों पर सेवादल का कैंप लगाने की जिम्मेदारी देते हुए हिदायत भी दी कि कैंप में 10 साल पुरानी बातें न हो, आज के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाए। साथ ही हर विधानसभा में हारे हुए 50 बूथ जिताने की कोशिश में जुटने को कहा है।



 



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