BHOPAL. प्रदेश में इन दिनों लाड़ली बहना सबसे ज्यादा चर्चित मुद्दा है। इसकी बड़ी वजह है आखिर चुनावी साल है और प्रदेश में महिलाओं की संख्या ढाई करोड़ से ज्यादा है। सरकार ने एक हजार रुपए महीने देने की प्रक्रिया शुरू कर अपना ट्रंप कार्ड खेल दिया है। ये योजना इतनी लोकप्रिय हुई कि लाखों की संख्या में फार्म आने लगे हैं। अब बारी कांग्रेस की थी। कांग्रेस भले ही सरकार में न हो, लेकिन सरकार में आने के लिए नहले पर दहला मारने की कवायद शुरू कर दी। कमलनाथ ने न सिर्फ 1500 रुपए महीने देने का ऐलान किया, बल्कि इसके लिए सरकार की तरह नियम भी बना डाले। यहां तक भी ठीक था, लेकिन इससे दो कदम आगे बढ़कर सोशल मीडिया पर महिलाओं के रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए। लेकिन महिलाएं भी समझदार हैं वे नौ नगद,न तेरह उधार की नीति पर अमल कर रही हैं।
कमलनाथ ने अपने निवास पर वचन पत्र समिति की बैठक की
आधी रात के घुप्प अंधेरे मे आग तापती महिलाओं के दृश्य ये दिखाते हैं कि ये लाड़ली बहना बनने का इंतजार कर रही हैं। सुबह सेंटर पर भीड़ लग जाती है इसलिए बहना रात में ही सेंटर के बाहर आकर जम गई है। योजना की इसी लोकप्रियता ने कांग्रेस के दिल में आग लगा दी है। कमलनाथ ने अपने निवास पर वचन पत्र समिति की बैठक की और लाड़ली बहना के पूरे नियम बना दिए। नियम भी ऐसे जैसे सरकार कैबिनेट की बैठक में तय करती है। सरकार तय होने में भले ही आठ महीने बाकी हों, लेकिन कांग्रेस का एटीट्यूट सरकार वाला ही आ गया है।
ये हैं इस योजना के कांग्रेसी नियम
- महिला को हर महीने 1500 रुपए महीने और 500 रुपए का गैस सिलेंडर मुहैया कराया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन भी कर दिए शुरू
लाड़ली बहना योजना की काट के लिए कांग्रेस ने अपनी योजना का नाम लाड़ली बहना बिटिया योजना कर दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस दो कदम आगे भी चल पड़ी। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर महिलाओं के रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए। सोशल मीडिया के जरिए पात्र महिलाओं से संपर्क किया जा रहा है और उनकी जरूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। हालांकि, कांग्रेस औपचारिक तौर पर इसे स्वीकारने से बच रही है।
न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी
बीजेपी कहती है कि जब सरकार बननी ही नहीं है तो फिर कमलनाथ कुछ भी घोषणा कर सकते हैं। बीजेपी के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी। कमलनाथ की बातें तो काठ की हांडी हैं जो एक बार चढ़ चुकी अब बार-बार नहीं चढ़ेगी।