भोपाल. मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि (hailstorm Bima) से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। इसकी बीमा राशि को लेकर 9 जनवरी को प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal patel on fasal bima) ने बड़ा ऐलान किया है। पटेल ने कहा कि कलेक्टर को 72 घंटे में नुकसान का सर्वे (Crop Farmer survey) कराकर रिपोर्ट देनी होगी। 500 गांवों में ओले से नुकसान हुआ हैं। नुकसान का डेटा आने के बाद जल्द ही किसानों को बीमा राशि दी जाएगी। अभी किसानों को बीमा कंपनियों (Fasal Bima companies) से नुकसान की 25 प्रतिशत राशि मिलेगी।
75 फीसदी कटाई के बाद मिलेगी: बाकी नुकसान की 75 फीसदी राशि मार्च-अप्रैल में फसलों की कटाई के बाद मिलेगी। लेकिन इस 75 फीसदी राशि का आधार क्रॉप कटिंग सर्वे (Crop cutting servey) होगा। यानी फसल की कटाई पर पता किया जाएगा कि फसलों को कितना नुकसान हुआ है। कृषि मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें राहत राशि धारा RBC 64 (राहत-मुआवजे के लिए बनाई गई धारा) के तहत दी जाएगी।
पटेल ने कहा कि राजस्व विभाग के माध्यम से भी सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद किसानों को राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रावधान के अनुसार मदद की जाएगी। संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ हैं। हमारी सरकार हमेशा ही किसानों के साथ रही है। इस मुश्किल समय में भी हम अपनी तरफ से पूरा सहयोग किसान भाइयों के लिए कर रहे है।
इन जिलों में भारी नुकसान: पिछले चार दिन से बारिश के साथ प्रदेश के अशोकनगर, गुना, ग्वालियर (Gwalior), विदिशा, सागर (Sagar), राजगढ़, छतरपुर, उज्जैन, सीहोर, दमोह समेत इंदौर (Indore) में ओलावृष्टि हुई। इससे कई जिलों में 70 फीसदी तक फसलों के बर्बाद होने का अनुमान हैं। खेतों में लगी टमाटर, लौकी, कद्दू, पालक, मैथी, धनिया, मिर्च की खेती को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि फसलें बर्बाद हो गई है, हमारी ये स्थिति हो गई है कि खाने को भी कुछ नहीं बचा है।
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